कोलकाता अपने आप में इतिहास समेटे हुए है। करीब 400 साल पुराने इस शहर को क्षेत्रफल के मामले में नई दिल्ली के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर माना जाता है। ब्रिटिश राज के समय लंदन के बाद कोलकाता दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण शहर था। यह शहर भारत की राजधानी भी रहा है। इस शहर को सिटी ऑफ ज्वॉय तो कहा ही जाता है। साथ ही इसे सिटी ऑफ पैलेसेज, सिटी ऑफ प्रोसेसन्स और कल्चरल कैपिटल ऑफ इन्डिया भी कहा जाता है। यात्रियों के मामले में हावड़ा स्टेशन देश के किसी भी अन्य ट्रेन स्टेशन की तुलना में अधिक व्यस्त है। हावड़ा ब्रिज कोलकाता शहर की पहचान है। इस तरह का पुल देश में अन्यत्र कहीं नहीं है। Read More
हवा में प्रदूषण की मात्र 100 पॉइंट्स को पार कर 118 से 128 पॉइंट्स पर आ टिकी है. यह फेफड़ों के लिए बेहद हानिकारक है. 27 सिगरेट पीने से जितना फेफड़ों को नुकसान होता है, उतना ही नुकसान यह प्रदूषण पहुंचा रहा है. ...
समझा जाता है कि सीमा पर बीएसएफ का गश्ती दल कुछ गैरकानूनी काम को रोक रहा था। अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी से लगता है कि गोलीबारी बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के जवानों द्वारा की गई थी। ...
उन्होंने कलकत्ता में मिशनरीज आफ चैरिटी की स्थापना की और दुनियाभर में इसके केन्द्रों की स्थापना कर ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा करने के अपने संकल्प को आगे बढ़ाया। उन्हें 17 अक्टूबर 1979 को नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ...
ममता बनर्जी ने बुधवार को ही अभिजीत विनायक बनर्जी के दक्षिण कोलकाता स्थित घर जाकर उनकी मां से मुलाकात की और अभिजीत की सफलता पर बधाई दी। मुख्यमंत्री वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अभिजीत की मां निर्मला बनर्जी से मिलने पहुंचीं और दोनों ने एक दूसरे का हालचाल ज ...
16 अक्टूबर 1905 को हुआ बंगाल का विभाजन राष्ट्रीयता के इतिहास में एक मोड़ ले आया और इसका हर ओर भारी विरोध हुआ। इस दिन को विरोध दिवस के रूप में मनाया गया और ढेरों जुलूस निकाले गए तथा हर तरफ वन्दे मातरम् के नारे गूँज उठे। ...
सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग में बनर्जी को पढ़ाने वाले अंजन मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने अपने पूर्व छात्र को बधाई देते हुए ईमेल किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने उन्हें एक ईमेल किया है। वह बहुत अच्छे छात्र थे, सर्वश्रेष्ठ छात्रों में से एक। हमे ...
बनर्जी अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में अपनी पत्नी एस्थर के पीएचडी सुपरवाइजर भी रहे हैं। बनर्जी वर्तमान में एमआईटी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं। 1990 में जोशुआ एंगरिस्ट के साथ वह डुफ्लो के पीएच ...
डुफ्लो अर्थशास्त्र का नोबल पाने वाली दूसरी महिला हैं। वहीं वह यह पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की अर्थशास्त्री भी है। नोबेल पुरस्कार के तहत 90 लाख क्रोनर (स्वीडन की मुद्रा) यानी 9,18,000 डॉलर का नकद पुरस्कार, एक स्वर्ण पदक और एक प्रशस्ति पत्र दिया ...