जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात, प्रोफेसर ने कहा- सर्वश्रेष्ठ छात्रों में से एक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 14, 2019 07:46 PM2019-10-14T19:46:29+5:302019-10-14T20:27:33+5:30

सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग में बनर्जी को पढ़ाने वाले अंजन मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने अपने पूर्व छात्र को बधाई देते हुए ईमेल किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने उन्हें एक ईमेल किया है। वह बहुत अच्छे छात्र थे, सर्वश्रेष्ठ छात्रों में से एक। हमेशा उम्मीद थी कि वह बहुत आगे जाएंगे और ऐसा हुआ भी।’’

Proud to Jawaharlal Nehru University, the professor said - one of the best students | जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात, प्रोफेसर ने कहा- सर्वश्रेष्ठ छात्रों में से एक

विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा कि बनर्जी की उपलब्धि पर उन्हें गर्व है।

Highlightsभारत में ऐसे शिक्षकों की संख्या ज्यादा नहीं है जो यह कह सकें कि उन्होंने नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाले छात्रों को पढ़ाया है। सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स स्टडीज एंड प्लानिंग से जुड़े हम सभी गर्व से यह बात कह सकते हैं।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के लिए यह गर्व का दिन है क्योंकि यहां के एक पूर्व छात्र अभिजीत बनर्जी के नाम का चयन अर्थशास्त्र क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के लिए किया गया है।

बनर्जी को पढ़ाने वाले प्रोफेसर का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि अर्थशास्त्र के क्षेत्र में बनर्जी के योगदान को शीघ्र ही पहचान मिलेगी। बनर्जी को यह पुरस्कार फ्रांस की एस्थर डुफ्लो और अमेरिका के माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार ‘वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन कार्यों’ के लिये दिया गया। सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग में बनर्जी को पढ़ाने वाले अंजन मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने अपने पूर्व छात्र को बधाई देते हुए ईमेल किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने उन्हें एक ईमेल किया है। वह बहुत अच्छे छात्र थे, सर्वश्रेष्ठ छात्रों में से एक। हमेशा उम्मीद थी कि वह बहुत आगे जाएंगे और ऐसा हुआ भी।’’ मुखर्जी ने कहा, ‘‘ वह इस पुरस्कार के लिए कई वर्षों से आगे थे। जब उनकी किताब 2008 में आई थी तो तभी हमें लगा था कि उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलेगा। हम सब यह उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें मिलेगा।’’

बनर्जी ने जेएनयू से अर्थशास्त्र में मास्टर्स (परास्नातक) डिग्री हासिल की है। मुखर्जी ने कहा, ‘‘ भारत में ऐसे शिक्षकों की संख्या ज्यादा नहीं है जो यह कह सकें कि उन्होंने नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाले छात्रों को पढ़ाया है। सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स स्टडीज एंड प्लानिंग से जुड़े हम सभी गर्व से यह बात कह सकते हैं।’’

विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा कि बनर्जी की उपलब्धि पर उन्हें गर्व है। कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘ जेएनयू के पूर्व छात्र (अर्थशास्त्र में परास्नातक, 1983) प्रोफेसर अभिजीत विनायक बनर्जी को (दो अन्य अर्थशास्त्रियों के साथ) नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार उन्हें वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए दिया गया है। जेएनयू को उनकी उपलब्धि पर गर्व है। हमारे पूर्व छात्र जेएनयू के मार्ग प्रदर्शक हैं। मुझे उन पर गर्व है।’’ 

अभिजीत बनर्जी व एस्थर डुफ्लो की पुस्तक इस सप्ताह आएगी बाजार में

अर्थशाशास्त्र का वर्ष 2019 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो की नयी किताब इस सप्ताह बाज़ार में आएगी। इस किताब में वैश्विक अर्थव्यवस्था से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई है। पुस्तक के प्रकाशक ‘जगरनॉट बुक्स’ ने सोमवार को बताया कि किताब का नाम ‘ गुड इकोनॉमिक्स फॉर हार्ड टाइम्स - बेटर आंसर्स टू बिगेस्ट प्रॉब्लम्स’ 19 अक्टूबर को बाजार में आएगी।

प्रकाशक के मुताबिक, यह पुस्तक रोज़गार, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और जलवायु परिवर्तन जैसे वर्तमान समय के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करती है। यह किताब वर्तमान समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियों के समाधान तलाशने में मदद करती है।

प्रकाशक ने बयान में बताया कि इस में कई प्रश्नों के उत्तर तलाशने का प्रयास किया गया है जैसे क्या प्रवासी, स्थानीय निवासियों की नौकरियां छीन रहे हैं? क्या अंतरराष्ट्रीय व्यापार से असमानता बढ़ती है और हम विकास और जलवायु परिवर्तन के बीच तालमेल कैसे बैठा सकते हैं? गौरतलब है कि भारतीय-अमेरिकी अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और अमेरिका के अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर को सोमवार को संयुक्त रूप से 2019 के लिये अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार विजेता घोषित किया गया। 

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