जब बारिश या अन्य स्रोतों से बहुतायत में पानी जमा हो जाता है तो इसे बाढ़ कहते हैं। वैश्विक स्तर पर इतिहास में चीन बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। भारत के कई हिस्से बरसात में बाढ़ से प्रभावित हो जाते हैं। इसमें बिहार, केरल, कर्नाटक और अन्य कई राज्य पीड़ित रहते हैं। साल 2018 में केरल बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। यहां पिछले 100 में सबसे भीषण बाढ़ आई है। मुख्यमंत्री पीनाराई विजयन ने कहा है कि शुरुआत अनुमान के मुताबिक करीब 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है इसके अलावा सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। केरल में मानसून के दौरान अन्य राज्यों की तुलना में अधिक बारिश होना एक सामान्य बात है। लेकिन भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि इस साल केरल में कम दबाव के कारण सामान्य से 37 फ़ीसदी अधिक बारिश हुई है। Read More
हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में भारी बारिश के बाद दिल्ली में युमना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। युमना के निचले किनारे रहने वाले लोगों को शिविर में भेज दिया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिविर केंद्र में सभी बंदोबस्त किए गए ...
उत्तरकाशी में भारी बारिश के चलते प्रदेश की छोटी-बड़ी सभी नदियां उफान पर हैं और हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है। बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में आराकोट, माकुडी, मोल्डा, सनेल, टिकोची और द्विचाणु में कई मकान ढह गए थे। ...
बाढ़ विभाग के नियंत्रण कक्ष में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ यमुना में सुबह 10 बजे से जलस्तर 206.60 मीटर पर है। यह जलस्तर पिछले छह घंटे से स्थिर है और इसके नीचे आने की संभावना है।’’ उन्होंने बताया कि हरियाणा ने हथनीकुंड बराज से 16280 क्यूसेक पानी छोड़ा है। ...
नदी के पानी के खतरे के निशान से ऊपर आने से पहले 10,000 से अधिक लोग निचले इलाकों से निकल निगमबोध श्मशान घाट में पनाह ली थी। यमुना नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। हरियाणा यमुनानगर में हथनीकुंड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ चुका ...
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मोहाली में पत्रकारों से कहा, ‘‘राज्य प्रशासन हर संभावित मुश्किल का सामना करने के लिये पूरी तरह से तैयार है और वह किसी भी कीमत पर लोगों की जान की सुरक्षा करेगी।’’ ...
सोमवार को नदी 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गई थी। सोमवार शाम को यमुना के खतरे के निशान को पार कर जाने के बाद सरकारी एजेंसियों ने निचले इलाकों में रहने वाले 10 हजार से अधिक लोगों को वहां से हटाया है। ...
पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बरसात के बाद सोमवार को हथिनी कुण्ड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे यमुना किनारे बसे कम से कम 67 गांव इसकी चपेट में आ सकते हैं। इनके बाद भी कम से कम 100 से अधिक गांव ऐसे हैं जहां पानी तबाही मचा सकता है। ...
बाढ़ में बह चुके और मारे गए जानवरों के लिए पटवारी, सरपंच और दूध संघों के पदाधिकारियों द्वारा किए गए पंचनामे स्वीकार किए जाएंगे. दूध देने वाले जानवरों की नुकसान भरपाई की राशि बढ़ाकर 30 हजार रु. कर दी गई है. ...