भारत बंद का असर अलग-अलग हिस्सों में देखने को भी मिल रहा है। वहीं, कुछ लोगों के लिए ये सही है तो कुछ के लिए गलत है। दरअसल एक दिन के बंद से हजारों परिवारों की रोजी-रोटी पर असर पड़ता है। ...
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि डालर की तुलना में सभी मुद्राएं कमजोर हुई हैं लेकिन अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये में उतनी गिरावट नहीं आयी है। ...
अपनी कमियां, बुराइयां देखना उचित है, लेकिन अपनी अच्छाई या देश-दुनिया को देख-समझ सफलता के रास्ते बढ़ते रहने से संतोष एवं गौरव करना भी आवश्यक है। इस मुद्दे को राजनीतिक सत्ता के प्रति लगाव या समर्पण की तरह भी नहीं देखा जाना चाहिए। शुतुरमुर्ग की तरह दायर ...
जेंद्र कस्तुरी रंगा वरदराजा राव भारत के सबसे प्रमुख अर्थशास्त्रियों में से थे। राव न केवल एक कुशल अर्थशास्त्री थे बल्कि प्रमुख राजनीतिकार, प्रोफेसर और शिक्षकों में भी गिनती होती है। ...
आधी रात की आजादी के लोकतंत्न का सच यह भी था कि तब भारत पर कोई कर्ज नहीं था। एक रुपए की कीमत एक डॉलर के बराबर थी। फिर जब 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना लागू हुई और देश बड़े उद्योग, बड़े बांध की दिशा में बढ़ा तो सरकार ने विदेशों से कर्ज लेना शुरू किया औ ...
पाकिस्तान में इस महीने चुनाव हैं। प्रचार के शोर में दबे पांव आए अकाल मौत के खतरे का संदेश किसी ने नहीं देखा। चुनाव के बाद नई सरकार के लिए एक जिंदा देश की हुकूमत बहुत कठिन होने वाली है। मुल्क की वित्तीय स्थिति देश को दिवालियेपन का रास्ता दिखा रही है। ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था के प्रबंधन को लेकर अपनी सरकार के तौर तरीकों का पूरी मजबूती के साथ बचाव किया। उन्होंने कहा पिछली सरकार में ‘ अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री ’ तथा ‘ सर्वज्ञाता वित्त मंत्री ’ ने अर्थव्यवस्था को जिस रसातल में पहुंचा ...