भारत में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण में दो टीकों में एक कोविशील्ड भी है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका ने मिलकर बनाया है। भारत में इस टीके को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया गया है। यह वैक्सीन आम सर्दी-जुकाम वाले वायरस के एक कमजोर रूप से बनी है। जब वैक्सीन लगती है तो वह इम्युन सिस्टम को किसी कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करती है। यह वैक्सीन दो डोज में चार और 12 हफ्तों के अंतराल पर लगती है। इसे भी 2 डिग्री से 8 डिग्री के बीच स्टोर किया जा सकता है। Read More
भारत ने यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य देशों से कोविशील्ड और कोवैक्सिन को वैक्सीनेशन के तौर पर स्वीकार करने या जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। ...
शोधकर्ताओं ने पाया है कि दूसरी डोज के 6 महीने बाद जब तीसरी डोज बूस्टर के तौर पर दी गई तो कोरोना वायरस के वैरिएंट के खिलाफ इंसानी शरीर में ज्यादा बेहतर रिस्पॉन्स पाया गया। ...
भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार अब जोर पकड़ने लगी है । देश में एक सप्ताह में करीब 4 करोड़ वेक्सीनेशन की डोज लगाई गई है । सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाने वाले राज्यों में यूपी सबसे ऊपर है । ...
हाल ही में केंद्र सरकार ने 18 से अधिक वर्ष के सभी लोगों के लिए वैक्सीन फ्री में उपलब्ध कराने की बात कही थी । अब आज से यह अभियान शुरू होने जा रहा है । साथ ही लोगों को रजिस्ट्रेशन कराने की झंझट से भी आजादी मिलेगी । ...
भारत में कोरोना वैक्सीन की 24 करोड़ से अधिक वैक्सीन लगाई जा चुकी है। हालांकि इसमें रूस की स्पुतनिक वी केवल 24713 लोगों को लगाई गई है। ये वैक्सीन फिलहाल भारत में निजी अस्पतालों और संस्थानों के माध्यम से लगाया जा रहा है। ...
भारत सरकार ने हाल में कोविड वैक्सीन बुक करने के लिए को-विन ऐप के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत कई अहम बदलाव किए गए हैं। जानिए इनके बारे में... ...