आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
Naxal Encounter: जम्मू-कश्मीर की जटिलताओं से लेकर पूर्वोत्तर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार चुनौतियों तक, सरकार का दृष्टिकोण निर्णायक कार्रवाई और निरंतर प्रयासों दोनों से चिह्नित रहा है. ...
शाह ने जम्मू कश्मीर एवं वहां के आतंकवाद, वाम नक्सलवाद एवं पूर्वोत्तर के उग्रवाद को ‘तीन नासूर’ की संज्ञा दी। इन्होंने कहा कि यदि इन तीनों समस्याओं को जोड़ दिया जाए तो चार दशकों में देश के कुल 92 हजार नागरिक मारे गये। ...
Year-End 2024: वर्ष 2024 की शुरुआत जम्मू व कश्मीर को राज्य दर्जा वापसी की चर्चा से हुई. भाजपा और सभी राष्ट्रीय दल लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे थे. ...