इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा में चल रहा है। इसकी वजह कंपनी का कोई नया फीचर नहीं बल्कि ऐप के जरिए भारतीयों की सूचनाएं चुराने का मामला है। WhatsApp ने इजराइल के एक फर्म की ओर से बनाए गए Pegasus जासूसी सॉफ्टवेयर की मदद से भारतीयों की सूचनाएं चुराने के मामले में सरकार से लिखित में माफी मांग ली है।
इसके साथ ही भरोसा दिलाया है कि इससे जुड़ी चिंताओं को दूर करने को सभी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। इस जासूसी से भारत के कुछ पत्रकार और ऐक्टिविस्ट प्रभावित हुए हैं। खबरों के मु्ताबिक सरकार ने व्हाट्सऐप ने अपनी सुरक्षा को मजबूत करने का निर्देश देते हुए कहा था कि अगर भविष्य में उसकी सुरक्षा में सेंध लगती है तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गौर करने वाली बात है कि पिछले महीने स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर व्हाट्सऐप के जरिए कई भारतीय नेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी करने का खुलासा हुआ था।
WhatsApp ने सरकार को लिखित में दिया जवाब
व्हाट्सऐप के प्रवक्ता ने सरकार को भेजे ई-मेल में कहा, कंपनी भारतीय यूजर्स की प्राइवेसी की सिक्योरिटी को लेकर प्रतिबद्ध है। यूजर्स के डेटा पर संभावित खतरे को देखते हुए हमने सभी मैसेज और कॉल को हाई सिक्योरिटी प्रदान की है। हमें दुख है कि सरकार की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे, लेकिन भविष्य में हम और सतर्कता बरतेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सरकार की सभी जायज चिंताओं को दूर करने को लेकर मिलकर काम करने को तैयार है।
121 भारतीयों की हुई थी जासूसी
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड इन्फॉर्मेशन ब्रॉडकास्टिंग ने कहा है कि पेगासस द्वारा भारत में 121 यूजर्स की जासूसी हुई थी। Pegasus स्पाइवेयर को इजराइल की एनएसओ कंपनी ने बनाया था और जिसे 1400 लोगों की जासूसी करने में इस्तेमाल किया गया। वहीं, इनमें से 121 भारतीय यूजर्स थें।
ये मामला सामने आने के बाद सरकार ने व्हाट्सऐप को नोटिस जारी कर साइबर हमले पर जानकारी मांगी गई थी। बता दें कि WhatsApp ने सरकार को बताया कि सितंबर में ही उसने इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) को अलर्ट कर दिया था।