नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शनिवार को कहा कि सरकार का मिशन शुक्रवार को लागू हुए संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के साथ इंटरनेट को "मुक्त, सुरक्षित और विश्वसनीय" बनाना है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि बिचौलियों या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यह सुनिश्चित करना होगा कि "कोई भी गैरकानूनी सामग्री" ऑनलाइन पोस्ट नहीं होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इंटरनेट "गलत सूचना" का पक्ष नहीं हो सकता है।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि नए नियम पहले मौजूद अंतराल को संबोधित करते हैं, यह रेखांकित करते हुए कि मध्यस्थ प्लेटफार्मों का "दुरुपयोग" "आपराधिक, अवैध, भड़काऊ सामग्री और गलत सूचना अपलोड" करने के लिए नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा, भारत के नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का सम्मान बिचौलियों द्वारा किया जाना चाहिए, विशेष रूप से मुक्त भाषण, स्वतंत्रता और गैर-भेदभाव से संबंधित लेखों का। उपयोगकर्ता और मध्यस्थ के बीच जवाबदेही को मजबूत करने के लिए हम एक शिकायत अपीलीय मंच लाए हैं।
संशोधित आईटी नियमों, 2021 के हिस्से के रूप में, जो शुक्रवार को लागू हुआ, केंद्र ने सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा लिए गए सामग्री मॉडरेशन निर्णयों के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई के लिए नए सरकारी "शिकायत निवारण" पैनल का प्रावधान किया है। पैनल के सदस्यों को सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा, जो सरकार को अंतिम रूप से यह बताएगा की कि कौन सी सामग्री बनी रहेगी और कौनसी हटा दी जाएगी।
राजीव चंद्रशेखर ने इंटरनेट पर सभी विदेशी और भारतीय कंपनियों के साथ "साझेदारी मॉडल" पर काम करने की सरकार की इच्छा के बारे में भी बात की, जिसका उद्देश्य "अपने सभी नागरिकों के लिए एक सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट का उद्देश्य" है।
केंद्रीय मंत्री का बयान महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि एलन मस्क द्वारा हाल ही में ट्विटर के अधिग्रहण के मद्देनजर यह कह चुके हैं कि ट्विटर को एक मुक्त-निरपेक्षवादी बनाया जाएगा। ऐसे में चिंता की बात ये है कि इस बड़े सोशल मीडिया मंच का दुरुपयोग देश की सुरक्षा और अखंडता को चोट पहुंचाने के लिए हो सकता है।