यदि आपके पास भी पुरानी कार, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन है तो इसे कबाड़ी के हाथों बेचने से पहले ये खबर पढना आपके लिये फायदे का सौदा हो सकता है। दरअसल सरकार अगले हफ्ते स्टील स्कैपेज पॉलिसी लाने जा रही है। इससे जुड़े मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहले यह पॉलिसी सिर्फ गाड़ियों के लिये थी लेकिन अब ड्राफ्ट में फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन जैसे घरेलू सामान को भी शामिल कर लिया गया है।
इन सामनों को स्क्रैप सेंटर में जाकर आसानी से बेचा जा सकेगा। सरकार जल्द ही कई जगह स्क्रैपेज सेंटर बनाने की तैयारी में है। जब आप इन खराब हो चुके इन सामान को बेचेंगे तो आपको इंसेंटिव मिलेगा। मतलब सामान बेचने के बदले आपको पैसा तो मिलेगा ही उसके अलावा सरकार इंसेंटिव भी देगी। इंसेंटिव देने के पीछे सरकार का उद्देश्य लोगों को इस तरफ आकर्षित करना है।
इंसेंटिव किस हिसाब से दिया जाए इस बात को लेकर अभी विचार विमर्श जारी है। इसे लागू करने में लगभग 10 दिन का समय लगने की उम्मीद है। लेकिन इस पॉलिसी से एक फायदा यह होगा कि स्टील के पुराने स्क्रैपेज आसानी से एक जगह एकत्र किये जा सकेंगे इससे उनको रिसाइकल कर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा। साथ ही पुरानी कबाड़ खड़ी गाड़ियां भी हट जाएंगी।
बढ़ेगी नई गाड़ियों के बिकने की संभावनाअगर सरकार की तरफ से दिया जाने वाला इंसेंटिव लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने में सफल रहा तो पुरानी हो चुकी गाड़ियों को भी बेच कर लोग नई गाडी खरीदने का रुख करेंगे। लोग नई कार खरीदेंगे तो इससे गाड़ियों की बिक्री बढ़ेगी। उम्मीद है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में चल रही मंदी भी शायद कुछ कम हो।
कम होगा स्टील का आयातइस नई स्क्रैपेज पॉलिसी के जरिए स्टील के आयात को कम करने का प्रयास किया जाएगा। क्योंकि सरकार की स्टील स्क्रैप प्लांट खोलने की योजना है जहां पुराने स्टील को फिर से इस्तेमाल के लायक बनाने पर जोर दिया जाएगा। भारत में सालभर में करीब 60 लाख टन स्टील स्क्रैप का आयात किया जाता है। जबकि डिमांड इससे ज्यादा है।