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हेट स्पीच और भ्रामक सूचनाओं को बढ़ावा देने वाले 'फेसबुक पेपर्स' खुलासे पर सरकार गंभीर, रिपोर्ट तैयार कर रही

By विशाल कुमार | Updated: October 27, 2021 12:51 IST

फेसबुक की व्हिसिलब्लोअर फ्रांसेस ह्यूगेन द्वारा आंतरिक दस्तावेजों के हवाले से किए गए खुलासे में फेसबुक के एल्गोरिदम द्वारा यूजरों को अनुशंसा करने में खामियों को सामने लाया गया है जिससे भारत में यूजरों को बड़ी संख्या में भ्रामक सूचनाएं और हेट स्पीच दिखाई देती हैं.

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ठळक मुद्देइलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना तकनीकी मंत्रालय एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है.भ्रामक सूचनाएं और हेट स्पीच को बढ़ावा देता है फेसबुक का एल्गोरिदम.

नई दिल्ली:फेसबुक के आंतरिक दस्तावेजों 'फेसबुक पेपर्स' में भारत से जुड़े हुए प्रमुख खुलासों पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना तकनीकी मंत्रालय एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है.

फेसबुक की व्हिसिलब्लोअर फ्रांसेस ह्यूगेन द्वारा आंतरिक दस्तावेजों के हवाले से किए गए खुलासे में फेसबुक के एल्गोरिदम द्वारा यूजरों को अनुशंसा करने में खामियों को सामने लाया गया है जिससे भारत में यूजरों को बड़ी संख्या में भ्रामक सूचनाएं और हेट स्पीच दिखाई देती हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो हम एल्गोरिदम के काम करने के तरीके के बारे में जानने के लिए उनके अधिकारियों को बुलाएंगे और भ्रामक सूचनाओं एवं हेट स्पीच के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी मांगेंगे. फिलहाल हम ह्यूगन के खुलासों को देख रहे हैं.

रिपोर्ट इस सप्ताह तक तैयार हो जाएगी. इसमें फेसबुक भारत में अपने प्लेटफॉर्म पर भ्रामक सूचनाएं और हेट स्पीच के प्रसार की जांच करने में कैसे विफल रहा, क्योंकि उसके पास हिंदी और बंगाली में सामग्री को चिह्नित करने या निगरानी करने के लिए सही उपकरण नहीं था, जैसे विवरण शामिल हैं.

इस रिपोर्ट में केरल के एक फेसबुक अकाउंट पर किए गए परीक्षण को भी शामिल किया जाएगा.

अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) को अपनी शिकायत में ह्यूगेन ने कहा था कि आरएसएस के उपयोगकर्ताओं, समूहों और पेजों के बारे में जागरूक होने के बावजूद, भड़काऊ और मुस्लिम विरोधी बयानों को बढ़ावा देने के बावजूद, फेसबुक कार्रवाई नहीं कर सका या इस सामग्री को चिन्हित नहीं कर सका क्योंकि उसके पास हिंदी और बंगाली भाषाओं के विशेषज्ञ नहीं थे.

फेसबुक ने भाजपा से जुड़े कट्टरपंथी समूह बजरंग दल को अपने प्लेटफॉर्म पर मुसलमानों के खिलाफ सामग्री पोस्ट करने वाला करार दिया है. दस्तावेजों से पता चलता है कि धार्मिक हिंसा भड़काने के लिए वह बजरंग दल को ‘खतरनाक संगठन’घोषित करने जा रहा था. हालांकि ऐसा अब तक नहीं कर पाया है.

हाल ही में ट्विटर ने भी अपने एक अध्ययन में स्वीकार किया था कि उसके एल्गोरिदम में खामी है जो कि वामपंथी खेमे की सामग्रियों के बजाय दक्षिणपंथी राजनेताओं और समाचार संगठनों के ट्वीट्स को बड़ी संख्या में आगे बढ़ाता है.

टॅग्स :फेसबुकभारतमोदी सरकार
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