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चीन के बाहर अपने प्रोडक्ट्स के उत्पादन के लिए भारत की तरफ देख रहा है एप्पल इंक, जानें क्या है वजह

By रुस्तम राणा | Updated: May 22, 2022 16:42 IST

शंघाई और अन्य प्रमुख शहरों में जहां आईफोन एप्पल की फैक्ट्रियां हैं, कोविड लॉक लाउन के चलते यहां प्रोडक्शन प्रभावित हुए हैं जिसके चलते एप्पल को चीन से बाहर अन्य देश में प्रोडक्शन आवश्यकता महसूस हुई है

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ठळक मुद्देचीन में सख्त कोविड लॉक डाउन के चलते उत्पादन प्रभावित अब अपने प्रोडक्शन के लिए भारत की ओर देख रहा है एप्पल इंक

नई दिल्ली: एक रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल इंक चीन के बाहर उत्पादन करने के लिए भारत की ओर देख रहा है, इन चर्चाओं में शामिल लोगों ने इस सप्ताह वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि चीन में सख्त कोविड -19 मानदंडों का हवाला देते हुए जो कंपनी के उत्पादों की मांग को पूरा करने की क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं। 

विश्लेषकों ने डब्ल्यूएसजे को यह भी बताया कि चीन पर निर्भरता कम करने के लिए ऐप्पल की तलाश बीजिंग की 'सत्तावादी कम्युनिस्ट सरकार' और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ उसके संघर्षों को देखते हुए जोखिमों पर भी विचार किया है।

अप्रैल में एपल के सीईओ टिम कुक ने कहा, "हमारी आपूर्ति श्रृंखला वास्तव में ग्लोबल है और इसलिए उत्पाद हर जगह बनाए जाते हैं। हम ऑप्टिमाइज करना भी जारी रखते हैं।" ऐसे में एप्पल विशाल कार्यबल और कम उत्पादन लागत के कारण भारत को एक वास्तविक संभावना के रूप में देखा जाता है।

चीन में सख्त कोविड लॉक डाउन के चलते उत्पादन प्रभावित 

एप्पल ने पिछले महीने चीन में कोविड -19 लॉक-डाउन के बीच बड़ी आपूर्ति समस्याओं की अंदेशा जताया था। कंपनी ने कहा था कि कोविड के स्तर (और प्रतिबंध) स्पाइकिंग अकेले पहली तिमाही में 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की भारी बिक्री को प्रभावित कर सकता है। 

शंघाई और अन्य प्रमुख शहरों में जहां आईफोन एप्पल की फैक्ट्रियां हैं, कोविड लॉक लाउन के चलते यहां प्रोडक्शन प्रभावित हुए हैं जिसके चलते एप्पल को चीन से बाहर अन्य देश में प्रोडक्शन आवश्यकता महसूस हुई है। चीन के प्रतिबंधों का मतलब यह भी है कि एप्पल व्यक्तिगत रूप से उत्पादन साइटों और स्तरों की निगरानी करने में भी असमर्थ है।

चीन में योग्य श्रमिकों की भारी तादात

दरअसल, चीन में योग्य श्रमिकों की एक बड़ी तादात है, जो कई एशियाई देशों की आबादी से अधिक है। एपल ने चीन में स्थानीय सरकारों के साथ मिलकर काम किया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसके ठेकेदारों के पास प्लांट्स में आईफोन और दूसरी उपकरणों के निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि, लोग और अन्य सामानों की सप्लाई हो।

यही कारण है कि आईफोन (iPhone), आईपैड (iPad) और मैकबुक एयर ( MacBook Air) लैपटॉप में चीनी निर्माताओं की हिस्सेदारी 90 प्रतिशत से अधिक है।

टॅग्स :एप्पलआइफोनभारतचीन
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