लाइव न्यूज़ :

विदुर नीति: सामने वाले का मुंह देखकर बात करने वाले से रहो सावधान, जानिए काम की ये पांच बड़ी बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 30, 2020 12:50 IST

Vidur Niti: महात्मा विदुर ने जीवन को लेकर कई ऐसी बातें कही हैं, जो महत्वपूर्ण हैं। दरअसल महाभारत में धृतराष्ट्र और विदुर के बीच जो संवाद हुआ उसे ही विदुर नीति कहते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देविदुर नीति: करीबी मित्रों और रिश्तेदारों को परखने वाले होते हैं कमजोरविदुर ने ये भी बताया कि संकट के समय होती है व्यक्ति के क्षमता की पहचान

Vidur Niti: महाभारत के मुख्य पात्रों में से एक महात्मा विदुर नीति शास्त्र के भी बड़े ज्ञाता माने जाते हैं। वह धृतराष्ट्र के महामंत्री थे लेकिन उनकी चुप्पी और पांडवों के खिलाफ होने वाले अन्याय पर हमेशा अपनी बात स्पष्ट तरीके से रखी।

यही कारण है कि वे कौरवों के साथ रहते हुए भी न केवल छल-कपट से दूर रहे बल्कि महाभारत के युद्ध से भी खुद को दूर रखने में कामयाब रहे। पूरे महाभारत की कहानी में धृतराष्ट्र और विदुर के बीच जो भी संवाद हुए, वहीं विदुर नीति कहलाई। आईए जानते हैं विदुर नीति से जुड़ी कुछ अहम बातें...

करीबी मित्रों और रिश्तेदारों को परखने वाले होते हैं कमजोर: वह व्यक्ति जो हर समय दूसरों और खासकर अपने करीब रहने वाले लोगों को परखने की कोशिश करता है, वो कमजोर होता है। ऐसा वही व्यक्ति करता है जो कुछ छिपाने की कोशिश करता है। वह अपने फैसलों को लेकर भी हमेशा भ्रम में रहता है। ऐसा शख्स यदि उच्च पद पर हो तो हमेशा अपने घमंड में लोगों को परखता रहता है। वह हमेशा इस बात को जानने की कोशिश में रहता है कि कहीं उसके सम्मान में कमी तो नहीं आ रही है।

संकट के समय होती है व्यक्ति की पहचान: विदुर के अनुसार व्यक्ति की पहचान उसके अच्छे समय में नहीं बल्कि उसके सबसे बुरे समय में होती है, जब वह संकटों से घिरा होता है। विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति संकट के समय अपना धैर्य खो देता है, परेशान और निराश होता है वह बिल्कुल भी गंभीर और प्रतिभा संपन्न नहीं होता। धैर्यवान इंसान वही है जो संकट काल में भी अपना आपा और विवेक नहीं खोता।

सामने वाले का मुंह देखकर बात करने वाले विश्वसनीय नहीं होते: विदुर से एक बार धृतराष्ट्र ने पूछा कि व्यक्ति कौन अच्छा होता है। इस सवाल पर विदुर बोले कि महाराज जो व्यक्ति मुख देखकर बात करता है ऐसे व्यक्ति से सदा सावधान रहना चाहिए। धृतराष्ट्र ने विदुर से कहा कि इस पर विस्तार से प्रकाश डालो। तब विदुर ने कहा महाराज जो व्यक्ति हर किसी से अलग अलग बात करे यानी किसी से कुछ कहे और दूसरे व्यक्ति के सामने कुछ और कहे, ऐसे व्यक्ति का चरित्र संदिग्ध होता है। ऐसे व्यक्ति संबंधों में संदेह पैदा कराते हैं।

किसी की सलाह पर हमेशा करें सोच विचार: विदुर के अनुसार जहर केवल पीने वाले मारता है। शस्त्र भी केवल उसी को मारता है, जिस पर छोड़ा गया है। सलाह लेकिन ऐसी चीज है जो अगर गलत है तो न जानें कितने ही लोगों का विनाश करती है। इसलिए राजा को किसी की भी सलाह मानने से पहले खुद हर बात पर विचार करना चाहिए। यह केवल राजा के लिए नहीं है। ऐसा प्रयोग हर किसी को करना चाहिए और बिना सोचे-समझे किसी की सलाह को अमल में नहीं लाना चाहिए।

बिना जप-तप के मिल सकता है स्वर्ग: महात्मा विदुर के अनुसार जिस प्रकार किसी नदी या समुद्र को पार करने के लिए नाव एक मात्र सहारा है। उसी प्रकार स्वर्ग जाने के लिए सत्य का पालन ही इकलौता मार्ग है। विदुर जी कहते हैं कि कितनी भी विषम परिस्थिति हो, एक व्यक्ति को अपने सत्य धर्म से कभी नहीं हटना चाहिए। 

टॅग्स :विदुर नीतिमहाभारत
Open in App

संबंधित खबरें

बॉलीवुड चुस्कीकौन थे पंकज धीर?, "महाभारत" में कर्ण और ‘चंद्रकांता’ में राजा शिवदत्त की भूमिका निभाकर...

भारतमध्य प्रदेश उच्च न्यायालयः 'भगवान कृष्ण' को झटका?, हाईकोर्ट ने दिया फैसला, जानें मामला

भारतपीएम मोदी ने कुवैत में रामायण और महाभारत के अरबी अनुवादक और प्रकाशक से की मुलाकात, अनुवादित महाकाव्यों पर किए हस्ताक्षर

पूजा पाठAshwathama Story: अश्वत्थामा, महाभारत का वह रहस्यमई पात्र जो आज भी है जिंदा!, जानिए इस किरदार की रोचक कथा

भारतLok Sabha Elections: 'भविष्य बनाने के लिए जल्दी से कांग्रेस को छोड़ दें', पूर्व कांग्रेसी नेता संजय निरुपम ने कहा

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठPanchang 07 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 07 December 2025: आज इन 3 राशियों के लिए दिन रहेगा चुनौतीपूर्ण, वित्तीय नुकसान की संभावना

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय