18 मई, शनिवार की सुबह भारत वासियों के लिए सियासी और धार्मिक खबर का जोड़ लेकर आई। लोकसभा चुनावों का प्रचार खत्म होने और वाराणसी में मतदान होने से ठीक पहले पीएम मोदी शिव के धाम केदारनाथ शिवशंभू के दर्शन करने पहुंच गए। सुबह सुबह हेलिकॉप्टर के माध्यम से वे केदारनाथ पहुंचे, वहां विधिवत पूजन किया, मंदिर के पुजारी ने उन्हने रुद्राक्ष की माला भी भेंट में दी। इसके बाद पीएम ने मंदिर की रहस्यमयी गुफा में विश्राम भी किया।
क्या और कहाँ है केदारनाथ मंदिर?
केदारनाथ मंदिर हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह चार धाम यात्रा का प्रमुख हिस्सा है। केदारनाथ मंदिर में भगवान शिव को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग विराजमान है। मान्यता यह भी है कि आज भी भगवान शिव यहां वास करते हैं। केदारनाथ मंदिर के पास मंदाकिनी नदी बहती है, जिसे हिन्दू धर्म में बेहद पवित्र माना गया है।
पीएम मोदी ने किए मंदिर के दर्शन
केदारनाथ मंदिर के लिए पीएम मोदी की गहरी आस्था है। सरकार बनाने के बाद वे चौथी बार केदारनाथ धाम भगवान शिव का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं। बताया जाता है कि 33 साल पहले पीएम मोदी ने केदारनाथ में ही साधना की थी। वे रोजाना 2 किमी नागने पांव चलकर गरुड़ पट्टी तक आते थे और यहां बैठकर शिव के नाम का ध्यान करते थे। पौराणिक कथा के अनुसार गरुड़ पट्टी वह जगह है जहां भगवान विष्णु अपनी सवारी गरुड़ संग आकर रुके थे। जिस शिला पर वे रुके थे उसे गरुड़ पट्टी के नाम से जाना जाता है।
केदारनाथ मंदिर की रहस्यमयी गुफा
केदारनाथ मंदिर के आसपास कई ऐसी गुफाएं हैं जहां साधु संत साधना के लिए आते हैं। मान्यता है कि इन गुफाओं में खास तरंगें होती हैं जिससे साधक अपनी तपस्या में सफल हो जाता है। मगर इस बार पीएम मोदी द्वारा केदारनाथ मंदिर की जिस गुफा में विश्राम किए जाने की बात हो रही है वह प्राकृतिक गुफा नहीं है। इसे मंदिर के प्रशासन द्वारा ही तैयार किया गया है। यह एक आर्टिफीशियल गुफा है।
केदारनाथ मंदिर की गुफा की खासियत
बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के जय शाह के बाद नरेंद्र मोदी इस गुफा में विश्राम करने वाले दूसरे मेहमान हैं। इससे पहले इस गुफा में काम चल रहा था। यह गुफा करीब 12,250 फीट ऊंची है। गुफा में साधना करने योग्य सभी सुख सुविधाएं मौजूद हैं।
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कहाँ है ये गुफा?
ये गुफा मंदिर से करीब 2 किमी की दूरी पर मंदाकिनी नदी के दूसरे तरफ बनायी गई है। इस गुफा की देखरेख गढ़वाल मण्डल विकास नगम द्वारा की जा रही है। बड़े राजनीतिक चेहरों के अलावा आम लोगों के लिए भी यह गुफा खोल दी गई है। इसके लिए खास पंजीकरम सुविधा मौजूद है जिसे दिल्ली से कराया जा सकता है।