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Onam 2019: ओणम क्यों मनाते हैं और क्या है इसे मनाने के पीछे पौराणिक मान्यता, जानिए

By विनीत कुमार | Updated: September 10, 2019 15:34 IST

Onam 2019: मलयालम कैलेंडर के मुताबिक ओणम चिंगम महीने में मनाया जाता है। यह आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ता है। इस साल यह उत्सव 1 सितंबर से 13 सितंबर के बीच मनाया जा रहा है।

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ठळक मुद्देओणम का उत्सव इस बार 1 सितंबर से 13 सितंबर के बीच, केरल में विशेष तैयारीमान्यताओं के अनुसार ओणम के मौके पर हर साल राजा बलि केरल आते हैं

Onam 2019: ओणम का त्योहार दक्षिण भारत और खासकर केरल में खूब धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार का किसानों और खेती से भी गहरा संबंध है। अच्छी पैदावार के लिए हर साल जश्न के तौर पर 10 दिनों तक मनाये जाने वाले ओणम त्योहार का समापन इस बार 13 सितंबर को हो रहा है। दक्षिण भारत में 1 सितंबर से ही ओणम का उत्सव जारी है। ओणम के मौके पर घरों में दीप जलाने और पूजा-अर्चना की परंपरा है।

मान्यता है कि इन दिनों में राजा बलि (प्रह्लाद के पोते) अपने राज्य में लौटते हैं। उन्हीं के स्वागत-सत्कार के लिए यह उत्सव मनाया जाता है।

Onam 2019: ओणम का महत्व और पौराणिक मान्यताएं

मलयालम कैलेंडर के अनुसार ओणम चिंगम महीने में मनाया जाता है। यह आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ता है। इस साल यह उत्सव 1 सितंबर से 13 सितंबर के बीच मनाया जा रहा है। ओणम उत्सव में चार दिन सबसे अहम होते हैं। पहला सबसे महत्वपूर्ण दिन 'उत्तरादम' है। यह इस बार 10 सितंबर को है। मान्यता है कि इसी दिन राजा महाबलि केरल आते हैं। 

इसके बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण दिन 'थिरु ओणम या थिरुवोनम' है। यह खास दिन इस बार 11 सितंबर को है। मान्यता है कि राजा महाबलि इस दिन लोगों के घरों में आते हैं। इसके बाद उत्सव तीसरा सबसे अहम दिन 'अवितम' है जिसके तहत राजा बलि के विदाई की तैयारियां की जाती हैं। इसके बाद उत्सव का आखिरी दिन 'चत्तयम' होता है। इसके बाद भी राज्य में कई दिनों तक ओणम का उत्सव जारी रहता है।

इस दौरान केरल में नौका रेस आदि का भी आयोजन किया जाता है और राज्य की संस्कृति की अनोखी झलक देखने को मिलती है। ओणम के दौरान घरों को फूलों से सजाने और दरवाजों पर रंगोली बनाने की भी परंपरा है।

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