लाइव न्यूज़ :

कैलाश-मानसरोवर यात्रा: 58 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था चीन पहुंचा, लिपुलेख दर्रा पहुंचे दो और जत्थे

By भाषा | Published: June 20, 2019 2:46 PM

Open in App

कैलाश-मानसरोवर के 58 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था लिपुलेख दर्रा होते हुए गुरुवार को चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र पहुंचा। यात्रा के लिए नोडल एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के महाप्रबंधक अशोक जोशी ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों ने सुबह सवा आठ बजे लिपुलेख दर्रा के जरिए चीनी क्षेत्र में प्रवेश किया।

लिपुलेख दर्रा 17500 फुट की ऊंचाई पर है। जोशी ने कहा, 'जत्थे के सभी सदस्य सुरक्षित हैं। उन्हें आईटीबीपी के चिकित्सकों ने गुंजी में जांच के दौरान स्वस्थ पाया था। जत्था तिब्बत में सात दिन रहने के बाद दर्रा लौटेगा। तिब्बत में तीर्थयात्री भगवान शिव का धाम माने जाने वाले पवित्र कैलाश के दर्शन करेंगे और पवित्र मानसरोवर झील में स्नान करेंगे।' 

उन्होंने बताया कि पहले जत्थे के अलावा तीर्थयात्रियों के दो अन्य जत्थे भी लिपुलेख दर्रा के पास पहुंच गए है। कैलाश मानसरोवर की आम तौर पर यात्रा को 18 से 21 दिनों में पूरा कर लिया जाता है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा हर साल जून से सितंबर के बीच आयोजित कराई जाती है।

टॅग्स :कैलाश मानसरोवरचीन
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारIndia-China Foreign Investment: भारत को बंपर फायदा, चीन में विदेशी निवेश कम, संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ ने कहा- भारत में निवेश कर रही पश्चिमी कंपनी, आखिर क्या है पीछे की वजह!

भारतPoK पर नियंत्रण खोना, 'गलती' या 'कमजोरी', विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कांग्रेस पार्टी पर बोला हमला

भारत"न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की UAPA के तहत गिरफ्तारी अवैध": सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल रिहाई का दिया आदेश

कारोबार'हिंदी चीनी भाई-भाई' की नई मिसाल! दोनों देशों के बीच व्यापार में हुई वृद्धि, अमेरिका को छोड़ा पीछे

कारोबारIND-CHI-USA Economic 2023-24: 118.4 अरब डॉलर व्यापार, चीन ने अमेरिका को पीछे छोड़ा, देखें यूएसए के साथ क्या, जानें आंकड़े

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 18 May 2024: आज आर्थिक फैसले लेते समय बरतें सावधानी, धन खर्च होने की संभावना

पूजा पाठआज का पंचांग 18 मई 2024: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठLord PARSHURAM: भगवान परशुराम ने स्वयं किसी का विध्वंस नहीं किया बल्कि पितृ स्मृतियों के वशीभूत होकर दुष्टों का वध किया

पूजा पाठVaishakha Purnima 2024: कब है वैशाख पूर्णिमा? जानें तिथि और महत्व, ऐसे करें पूजा

पूजा पाठVat Savitri Vrat 2024: इस बार किस दिन रखा जाएगा वट सावित्री व्रत, जानिए तिथि और महत्व