चैत्र नवरात्रि 2018: रोग-शोक से दूर रखती हैं देवी कूष्मांडा, इस मंत्र से करें उपासना

By गुलनीत कौर | Published: March 20, 2018 03:43 PM2018-03-20T15:43:44+5:302018-03-20T15:44:29+5:30

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार देवी कूष्मांडा ने ही ब्रह्माण्ड की रचना की है और वे सूर्य मण्डल में निवास करती हैं।

Chaitra Navratri: Maa Kushmanda katha, puja vidhi, mantra and vrat benefits | चैत्र नवरात्रि 2018: रोग-शोक से दूर रखती हैं देवी कूष्मांडा, इस मंत्र से करें उपासना

चैत्र नवरात्रि 2018: रोग-शोक से दूर रखती हैं देवी कूष्मांडा, इस मंत्र से करें उपासना

आदिशक्ति के भक्त वर्ष में दो बार नवरात्रि का पर्व मनाते हैं, एक बार चैत्र और दूसरी बार शारदीय नवरात्रि। दोनों बार नवरात्रि की चतुर्थी तिथि को नवदुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि में 21 मार्च को माता कूष्मांडा का व्रत और पूजा की जाएगी। आइए जानते हैं नवदुर्गा के इस स्वरूप की पौराणिक कथा और किस मंत्र से उनकी अराधना की जाए। 

मां कुष्मांडा की पौराणिक कथा:

नवदुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा ना केवल नवरात्रि में बल्कि वर्ष भर की जाती है। देवी की अराधना से भक्तों को अनेकों लाभ होते हैं। पुराणों में वर्णित जानकारी के अनुसार देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए इन्हें 'अष्टभुजा देवी' भी कहा जाता है। इनके साथ हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल, कलश, चक्र, गदा आदि हैं। देवी का वाहन सिंह है और कहा जाता है कि इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है। इसलिए इनका नाम 'कूष्मांडा' पड़ा। 

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार देवी कूष्मांडा ने ही ब्रह्माण्ड की रचना की है। ऐसा कहा जाता है कि जब सृष्टि का कोई अस्तित्व भी नहीं था, तब इन्हीं देवी ने इस दुनिया को आकार दिया। मां कूष्मांडा सूर्य मण्डल में निवास करती हैं। माना जाता है कि सूर्य मण्डल की शक्ति और तेज को सहन करने की क्षमता केवल देवी कूष्मांडा में ही है।

यह भी पढ़ें: चैत्र नवरात्रि 2018: नौ दिन लगाएं नौ अलग-अलग प्रसाद का भोग, मिलेगा विशेष लाभ

नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा का इस मंत्र से ध्यान करें

स्तुता सुरैः पूर्वमभीष्टसंश्रयात्तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविता।
करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः।।

मां कूष्मांडा व्रत लाभ:

नवदुर्गा के चौथे स्वरूप देवी कूष्मांडा के नाम का व्रत करने से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। देवी अपने भक्त से प्रसन्न होकर उसे लंबी और निरोगी आयु, बल, सुख और चेहरे के तेज क बढ़ाती है। सच्चे मन से देवी की अराधना करने वाले भक्त को समाज में उच्च पद की प्राप्ति होती है। 

Web Title: Chaitra Navratri: Maa Kushmanda katha, puja vidhi, mantra and vrat benefits

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे