चैत्र नवरात्रि 2018: नौ दिन लगाएं नौ अलग-अलग प्रसाद का भोग, मिलेगा विशेष लाभ

By गुलनीत कौर | Published: March 18, 2018 10:30 AM2018-03-18T10:30:26+5:302018-03-19T11:09:41+5:30

हिन्दू धर्म में नवरात्रि के दौरान दुर्गा के नौ रूपों का पूजन किया जाता है, हर देवी को विशेष प्रकार के प्रसाद का भोग लगाने का महत्व है।

Navratri 2018 nine types of bhog prasad for each day to attain the blessings of navdurga | चैत्र नवरात्रि 2018: नौ दिन लगाएं नौ अलग-अलग प्रसाद का भोग, मिलेगा विशेष लाभ

चैत्र नवरात्रि 2018: नौ दिन लगाएं नौ अलग-अलग प्रसाद का भोग, मिलेगा विशेष लाभ

18 मार्च 2018 से नवरात्रि शुरू हो रहे हैं जो कि 26 मार्च तक चलेंगे। पंचांग के अनुसार 25 मार्च को अष्टमी एवं नवमी दोनों साथ में मनाई जाएंगी। हिन्दू धर्म में नवरात्रि के दौरान दुर्गा के नौ रूपों का व्रत और पूजन किया जाता है। रोजाना प्रत्येक देवी के पूजन के लिए विशेष मंत्र एवं खास तरह के प्रसाद का भोग लगाया जाता है। आइए जानते हैं कि नवरात्रि के नौ दिनों में किसी देवी को किस प्रसाद का भोग लगाया जाना चाहिए ताकि नवदुर्गा की असीम कृपा बनी रहे। 

देवी शैलपुत्री: नवरात्रि में प्रथम पूजनीय हैं देवी शैलपुत्री। माँ दुर्गा के इस रूप को सफेद रंग की वस्तुएं अप्संद हैं इसलिए इन्हें सफेद रंग के खाद्य पदार्थ ही भोग में लगाये जाने चाहिए। अगर भोग में लगाई जा रही वस्तुएं घी के प्रयोग से बनी हैं तो देवी प्रसन्न होती हैं और रोग-शोक दी मुक्ति दिलाती हैं। 

देवी ब्रह्मचारिणी: शक्ति के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीने और चरणामृत का भोग लगाया जाता है। इस खास प्रसाद का भोग लगाने से देवी व्यक्ति को दीर्घायु का वरदान देती है।

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देवी चंद्रघंटा: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के नाम का व्रत एवं पूजन किया  जाता है, इन्हें प्रसन्न करने के लिए दूध दी बनी वस्तुओं का भोग लगाएं और इन वस्तुओं को ब्राह्मणों को दान भी करें। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी प्रसन्न होकर समस्त दुखों का नाश करती हैं। 

देवी कूष्मांडा: घर पर मालपुए बनाएं और देवी को इसका भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद इस प्रसाद को ब्राह्मणों में दान भी करें। देवी प्रसान होकर बुद्धि का दान देती हैं।

देवी स्कंदमाता: नवदुर्गा में पंचाम स्थान पर हैं स्कंदमाता। इन्हें प्रसन्न करने के लिए केले का भोग लगाएं। ऐसा करें से बुद्धि का विकास होता है। भोग लगाने के पश्चात केले ब्राह्मणों या गरीबों में दान कर दें। 

देवी कात्यायनी: यदि नवरात्रि के छठे दिन पर व्रत कर रहे हैं और मां कात्यायनी को प्रसान करना चाहते हैं तो देवी को शहद से बनी चीजें अर्पित करें। प्रसन्न होकर देवी चेहरे पर चमक और तेज बढ़ाएगी।

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देवी कालरात्रि: नवरात्रि की सप्तमी पर देवी कालरात्रि के नाम का व्रत एवं पूजन किया जाता है। इन्हें चढ़ावे के रूप में गुड़ या इससे बनी चीजें अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती है और हर संकट से साधक की रक्षा करती है।

देवी महागौरी: नवरात्रि की अष्टमी पर कन्या पूजन किया जाता है एवं महागौरी की अराधना की जाती है। इसदिन देवी को नारियल चढ़ाएं और अपने मन की इच्छा पूर्ण होने के लिए कामना करें। सच्ची भक्ति से इसदिन कन्या पूजन करें। भक्त से प्रसन्न होकर देवी उसकी इच्छा पूर्ण करती हैं। 

देवी सिद्धिदात्री: नवरात्रि की नवमी पर मां सिद्धिदात्री को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाया जाता है। भोग लगाने के बाद यह प्रसाद गरीबों में दान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी प्रसन्न होकर भक्त के लिए मृत्यु उपरान्त मोक्ष के द्वार खोलती है। 

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