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Ahoi Ashtami 2020: आज आपकी छोटी सी गलती कम कर सकती है संतान की आयु, इन बातों का रखें खास ध्यान

By गुणातीत ओझा | Updated: November 8, 2020 15:38 IST

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर माताएं संतान की लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं।

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ठळक मुद्देकार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर माताएं संतान की लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं।माताएं निर्जला व्रत रखकर संतान के दीर्घायु व उनके सुखी जीवन की कामना करती हैं।

Ahoi Ashtami 2020 Vrat Rules: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर माताएं संतान की लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं। आज अहोई अष्टमी के दिन माताएं निर्जला व्रत रखकर अपनी संतान के दीर्घायु व उनके सुखी जीवन व उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं। अहोई अष्टमी का व्रत रखना आसान नहीं है। इस व्रत के साथ कुछ खास नियम जुड़े हुए हैं। अगर इन नियमों का पालन नहीं किया गया तो व्रत को अधूरा माना जाता है। या यूं कह लीजिए व्रत के इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है। वहीं ऐसी माताओं की बात करें जो स्वास्थ्य समस्यायों ग्रसित होती हैं, उनके लिए नियमों में छूट होती है। आइए आपको बताते हैं कि अहोई अष्टमी व्रत में किन नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है।

अहोई अष्टमी व्रत के नियम

1. अहोई अष्टमी का व्रत रहने से एक दिन पूर्व तामसी भोजन अर्थात मांस, लहसुन, प्याज, मदीरा आदि का सेवन न करें।

2. व्रत से पूर्व रात्रि को सादा भोजन करें। व्रत के लिए मन, वचन और कर्म से भी शुद्ध होना आवश्यक होता है।

3. अहोई अष्टमी का व्रत करने वाले को दोपहर के समय सोने से परहेज करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि दोपहर में सोने से संतान की आयु में कमी हो सकती है।

4. अहोई अष्टमी की पूजा में सबसे पहले प्रथम पूज्य श्री गणेश जी की आराधना विधिपूर्वक करनी चाहिए। उनकी पूजा से आगे का कार्य बिना बाधा के पूर्ण होता है।

5. अहोई अष्टमी की पूजा में पुराने करवे या करवा चौथ के करवे का प्रयोग न करें। इसके लिए नए करवे का प्रयोग करना उत्तम होगा।

6. अहोई अष्टमी व्रत का भोजन तथा पारण के खाद्य पदार्थ में तेल, लहसुन तथा प्याज का प्रयोग करना वर्जित होता है।

7. इस व्रत में कांसे के बर्तन का प्रयोग भूलकर भी न करें। कांसे के बर्तनों का प्रयोग करना अशुभ होता है।

8. इस दिन व्रत रहने वाले व्यक्ति को काले रंग के वस्त्रों या रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए। नीले रंग का भी प्रयोग न करें तो उचित होगा।

9. शुभ मुहूर्त में अहोई माता की पूजा के बाद तारों को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण करें।

10. व्रत के दिन दूसरों के प्रति नकारात्मक विचार अपने मन में न लाएं। संतान के साथ उत्तम व्यवहार करें।

टॅग्स :अहोई अष्टमी
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