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Ahoi Ashtami 2020 Katha: अहोई अष्टमी पूजा विधि, संतान को मिलता है पुण्य लाभ

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: November 6, 2020 03:56 PM2020-11-06T15:56:15+5:302020-11-06T15:56:35+5:30

अहोई अष्‍टमी का व्रत संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. मान्‍यता है कि ये व्रत करने से संतान की प्राप्‍ति भी होती है. कहा जाता है कि जो भी महिला पूरे मन से इस व्रत को रखती है उसके बच्‍चे दीर्घायु होते हैं. अहोई अष्‍टमी के दिन माता पार्वती की पूजा का विधान है. हिन्दू धरम में इस व्रत का विशेष महत्व है. अहोई अष्‍टमी का व्रत कार्तिक मास की कृष्‍ण पक्ष अष्‍टमी को आता है.उत्तर भारत में मनाया जाने वाला अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) महिलाओं के विशेष पर्वों में से एक है. देवी अहोई को समर्पित इस पर्व पर महिलाएं व्रत रखती हैं। अहोई माता (Ahoi Mata) का यह व्रत महिलाएं अपनी संतानों की लंबी आयु और परिवार की सुख समृद्धि के लिए रखती हैं. इस व्रत में अहोई देवी के चित्र के साथ सेई और सेई के बच्चों के चित्र भी बनाकर पूजा करने की परंपरा है. अहोई अष्टमी का व्रत दीपावली से एक सप्ताह पहले आता है। इस बार अहोई अष्टमी 8 नवंबर को रखा जाएगा.

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