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येदियुरप्पा ने दिए संकेत, 26 जुलाई के बाद देंगे सीएम पद से इस्तीफा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 23, 2021 9:05 AM

कर्नाटक में मुख्यमंत्री के पद छोड़ने के साफ संकेत देने के बाद बीजेपी नेतृत्व पर अब जल्द से जल्द नए नेता का चयन करना चुनौती बन गया है। येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं जो राज्य का सबसे बड़ा व प्रभावी समुदाय है।

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ठळक मुद्देनए सीएम को लेकर बीजेपी नेतृत्व में माथा पच्ची शुरूलिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं येदियुरप्पायेदियुरप्पा के बेटे बी वाय विजेंद्र को अहम जिम्मेदारी मिलने की संभावना

कर्नाटक में नेतृत्‍व परिवर्तन को लेकर चल रही अटकलों के बीच सीएम बीएस येदियुरप्‍पा गुरुवार को बचाव की मुद्रा में नजर आए. उन्‍होंने कहा, '26 जुलाई को उनके मौजूदा कार्यकाल के दो साल पूरे हो रहे हैं और इसके बाद आलाकमान के जो भी निर्देश होंगे उनका पालन करेंगे।' येदियुरप्‍पा ने कहा, 'आप सब जानते हैं कि मैंने दो माह पहले कहा था कि किसी और के लिए रास्‍ता बनाने को मैं इस्‍तीफा दे दूंगा. मैं पावर में रहूं या न रहूं, बीजेपी को फिर से सत्‍ता में लाना मेरा कर्तव्‍य है. मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से सहयोग का आग्रह करता हूं.'

येदियुरप्‍पा का लिंगायत समुदाय में तगड़ा प्रभाव

बीते दिनों येदियुरप्पा को दिल्ली बुलाकर बीजेपी नेतृत्व ने उन्हें सीएम पद छोड़ने के लिए तैयार कर लिया था। हालांकि बीजेपी के सामने सबसे बड़ी दिक्कत नए नेता के चुनाव को लेकर है। लिंगायत समुदाय से आने वाले 78 वर्षीय नेता येदियुरप्पा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का उनके प्रति विशेष स्नेह एवं विश्वास है। उन लोगों को कोई पद नहीं दिया जाता जिनकी उम्र 75 साल से अधिक हो गयी है लेकिन मेरे काम की सराहना करते हुए उन्होंने 78 वर्ष की आयु पार करने के बावजूद मौका दिया। येदियुरप्पा ने कहा कि उनका इरादा आने वाले दिनों में पार्टी को मजबूत करना और उसे फिर से सत्ता में लाना है। 

नया सीएम चुनना बीजेपी के लिए तेढ़ी खीर

कर्नाटक में मुख्यमंत्री के पद छोड़ने के साफ संकेत देने के बाद बीजेपी नेतृत्व पर अब जल्द से जल्द नए नेता का चयन करना चुनौती बन गया है। येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं जो राज्य का सबसे बड़ा व प्रभावी समुदाय है। राज्य का दूसरा प्रभावी समुदाय वोकलिग्गा है। लगभग आधा दर्जन प्रमुख नेताओं के नाम भावी नेता के लिए चर्चा में हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने अभी स्थिति साफ नहीं की है। यह भी लगभग तय है कि येदियुरप्पा के बेटे और प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष बी वाय विजेंद्र को नेतृत्व परिवर्तन के बाद अहम भूमिका दी जाएगी।

सीएम येदियुरप्‍पा को हटाने को लेकर मुहिम पिछले एक साल से चल रही है। इसके पीछे की वजह येदियुरप्‍पा परिवार का मंत्रालयों के तहत होने वाले ट्रांसफर और पोस्टिंग में हस्तक्षेप को बताया जा रहा है. येदियुरप्‍पा को पद से हटाने की एक वजह संघ के कद्दावर नेता बीएल संतोष से उनके संबंधों को भी बताया जा रहा हैं।

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