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उत्तराखंड 2022 विधानसभा चुनावः बंशीधर भगत बोले- क्षेत्र में काम करना होगा, मोदी लहर के सहारे नैया पार नहीं होगी

By भाषा | Updated: August 27, 2020 21:06 IST

भगत ने यहां कहा कि मोदी लहर के सहारे अब किसी की नैया पार नहीं होगी और विधायकों को क्षेत्र में जाकर मेहनत करने के बाद ही लोग उन्हें वोट देंगे। उन्होंने कहा, “अब ऐसा नहीं है कि लोग मोदी के नाम से वोट दे देंगे। बहुत दे दिए मोदी के नाम से वोट। आगे उन्हें स्वयं मेहनत करनी होगी।”

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ठळक मुद्दे अगर विधायक केवल मोदी के नाम से जीतने का भाव मन में रखेंगे, तो यह गलत होगा।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सामने अब सबसे बड़ा लक्ष्य 2022 का विधानसभा चुनाव है।भगत स्वयं नैनीताल के कालाढूंगी से विधायक हैं। भगत ने यह भी साफ किया कि विधायकों को टिकट दिए जाने से पहले उनका प्रदर्शन देखा जाएगा।

देहरादूनः उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में मोदी लहर के सहारे किसी पार्टी विधायक की नैया पार नहीं होगी और लोगों का वोट पाने के लिए उन्हें क्षेत्र में जाकर स्वयं मेहनत करनी होगी।

संवाददाताओं से बातचीत में भगत ने यहां कहा कि मोदी लहर के सहारे अब किसी की नैया पार नहीं होगी और विधायकों को क्षेत्र में जाकर मेहनत करने के बाद ही लोग उन्हें वोट देंगे। उन्होंने कहा, “अब ऐसा नहीं है कि लोग मोदी के नाम से वोट दे देंगे। बहुत दे दिए मोदी के नाम से वोट। आगे उन्हें स्वयं मेहनत करनी होगी।”

उन्होंने कहा कि अगर विधायक केवल मोदी के नाम से जीतने का भाव मन में रखेंगे, तो यह गलत होगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सामने अब सबसे बड़ा लक्ष्य 2022 का विधानसभा चुनाव है और उन्होंने विधायकों को अपने क्षेत्रों में जाने और कड़ी मेहनत करने को कहा है।

भगत स्वयं नैनीताल के कालाढूंगी से विधायक हैं। भगत ने यह भी साफ किया कि विधायकों को टिकट दिए जाने से पहले उनका प्रदर्शन देखा जाएगा। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जतायी कि सभी विधायकों का प्रदर्शन अच्छा ही होगा। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भगत के बयान को मोदी लहर की समाप्ति की स्वीकारोक्ति के रूप में लेते हुए इसपर चुटकी ली है।

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा, “हम भगत को सही बयान जारी करने के लिए बधाई देते हैं । उन्होंने स्वीकार किया है कि मोदी लहर समाप्त हो गयी है । इसलिए वे अपने विधायकों को वोट के लिए अपने प्रदर्शन पर भरोसा करने की सलाह दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि यह इस तथ्य की स्वीकारोक्ति भी है कि पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के संसदीय चुनाव केवल मोदी के नाम से ही जीते थे । 

टॅग्स :उत्तराखण्डभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेसनरेंद्र मोदीत्रिवेंद्र सिंह रावत
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