लखनऊः उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का मामला लगातार बढ़ रहा है। इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी को समझदारी के साथ काम करना होगा।
लखनऊ में वीडियो कॉन्फ्रेंस से व्यवसायियों के साथ संवाद में यूपी के सीएम ने कहा कि पिछले 3महीनों के घटनाक्रम को देखकर एक बात हर कोई जान सकता है कि कोरोना की कोई दवा या वैक्सीन नहीं है, सावधानी और सतर्कता को साथ अपने अन्य कार्यों को संचालित करना और आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाना आज की आवश्यकता है।
सीएम ने कहा कि लॉकडाउन के के बाद अनलॉक1 में सभी आर्थिक गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं, व्यापक परिवर्तन भी देखने को मिले, कामगार और श्रमिक का एक बड़ा वर्ग लगभग 1 करोड़ की जनसंख्या इधर से उधर हुई है। उसके कारण भी बहुत से समीकरण बदलने वाले हैं। CM ने श्रमिक और कामगारों के लिए कार्ययोजना बनाने का जो निर्देश दिया था उसपर आज कैबिनेट में चर्चा हुई। कैबिनेट में आज कामगार और श्रमिक सेवायोजन एवं रोजगार आयोग का गठन हुआ।
पत्नी और उनके बच्चों को और 15 लाख रुपये की राशि उनके माता-पिता को दी जाएगी
जिसमें से 35 लाख रुपये उनकी पत्नी और उनके बच्चों को और 15 लाख रुपये की राशि उनके माता-पिता को दी जाएगी, इसे आदेश को 1 अप्रैल 2020 से लागू कर दिया गया है। अभी तक राज्य के जो मूल निवासी केंद्रीय अर्धसैनिक बल में, थल सेना में, वायु सेना में या नौसेना में शहीद होते थे, ड्यूटी पर मृत्यु होने पर उनके परिवार को 25 लाख रुपये की धनराशि दी जाती थी, लेकिन आज यह निर्णय लिया गया है कि अब 50लाख रुपये दिए जाएंगे।
कल प्रदेश में 13966 सैंपलों की टेस्टिंग की गई। कल पूल टेस्टिंग के माध्यम से 5-5 सैंपलों के 1082 पूल लगाए गए जिसमें से 150 पूल पॉजिटिव पाए गए और 10-10 सैंपलों के 122 पूल लगाए गए और इनकी जांच की गई जिसमें 15 पूल पॉजिटिव पाए गए। रिकवरी का रेट 61% चल रहा है।
प्रदेश में कुल 435 मरीजों की मृत्यु हुई है। आशा वर्कर्स के द्वारा अभी तक 16,75,579 प्रवासी श्रमिकों का सर्वेक्षण किया जा चुका है जिनमें से 1463 में उन्हें बिमारी के कोई न कोई लक्षण मिले हैं। राज्य में पिछले 24 घंटों में 516 नए मामले सामने आए, राज्य में 5259 एक्टिव केस हैं और 8904 लोग पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं।
उप्र में कोविड-19 संक्रमण से 18 और मौतें
उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण से मंगलवार को 18 और लोगों की मौत होने के साथ ही मृतकों की संख्या बढकर 435 हो गयी जबकि राज्य में संक्रमण के कुल मामले 14, 598 हो गए हैं । प्रदेश में लगातार दूसरे दिन 18 लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हुयी है । सोमवार को भी 18 लोगों की मौत इस संक्रमण के कारण हुयी थी । प्रमुख सचिव :चिकित्सा एवं स्वास्थ्य: अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि 5259 संक्रमित लोगों का इलाज चल रहा है 8904 लोग पूरी तरह से ठीक होकर अस्पतालों से छुटटी पा चुके हैं ।
ठीक होने की दर 61 प्रतिशत है । प्रसाद ने बताया कि कोविड—19 संक्रमण की वजह से मृतकों की संख्या बढकर 435 हो गयी है । संक्रमण के कुल मामले 14, 598 हैं । 7540 लोगों को पृथकवास में रखा गया है और उनके नमूनों की जांच करायी जा रही है । उन्होंने बताया कि सोमवार को प्रदेश में 13, 966 नमूनों की जांच की गयी । प्रसाद ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप का लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है । इसके माध्यम से जिन्हें ‘एलर्ट’ मिल रहे हैं, ऐसे 83,462 लोगों को स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण कक्ष से फोन कर अवगत कराया गया कि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये हैं, अपना ध्यान रखिये । कुल 166 लोगों ने बताया कि उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण है और विभिन्न कोविड अस्पतालों में उनका उपचार चल रहा है ।
कुल 341 लोगों ने बताया कि वे पृथकवास में हैं। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं ने गांवों में घर-घर जाकर 16,75,579 प्रवासी श्रमिकों एवं कामकारों का सर्वेक्षण किया है। इनमें से 1463 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के कुछ लक्षण मिले । इनके नमूने लेकर जांच की जा रही है । अब तक 1017 लोगों के जांच परिणाम सामने आये हैं, जिनमें से 164 लोग संक्रमित पाये गये हैं । प्रमुख सचिव ने बताया कि 5778 हॉटस्पाट क्षेत्रों सहित कुल 18, 070 क्षेत्रों में निगरानी का कार्य चल रहा है ।
कुल 93,42,785 घरों में 4,76,56,168 लोगों का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि कोविड अस्पतालों की त्रिस्तरीय व्यवस्था एल—1, एल—2 और एल—3 है । कुल 563 चिकित्सालयों में 1,01,236 बेड की व्यवस्था है । इनमें से 139 चिकित्सालयों में मरीजों को रखा गया है। प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के अनुरूप अन्य बीमारी से पीड़ित मरीजों पर भी ध्यान दिया जा रहा है । ऐसे मरीजों को आकस्मिक और आवश्यक सेवाएं मिलें, इसके लिए शासनादेश जारी किया गया है।
मेडिकल इन्फेक्शन से कोरोना ना फैले, इसके लिए सभी निजी चिकित्सालयों को दिशानिर्देश दिया गया है। अस्पतालों में मास्टर ट्रेनर के द्वारा एक एक नोडल अधिकारी को प्रशिक्षण दिया गया है। फिर उन नोडल अधिकारियों ने अपने स्टाफ को प्रशिक्षित किया । उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सालयों, संयुक्त चिकित्सालयों और महिला चिकित्सालयों के अलावा मेडिकल कालेजों में ‘नॉन कोविड केयर’ मुहैया कराया जा रहा है । इमरजेंसी और अन्य सुविधाएं लगातार उपलब्ध करायी जा रही हैं । कुल 3324 निजी चिकित्सालयों और नर्सिग होम में ये सुविधा उपलब्ध करायी जा रही हैं ।
इनपुट भाषा