नई दिल्ली: 17 अप्रैल 1999 को लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पर जब वोटिंग हुई तब बीजेपी सरकार के पक्ष में 269 वोट पड़े थे और विरोध में 270 वोट पड़े थे, जिसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिर गई थी। इसी मुद्दे को लेकर ट्विटर यूजर अरुण कोंडपल्ले (@arunkondpalle) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से सवाल किया। यूजर ने ट्विटर पर पूछा, क्या आपने 1999 में वाजपेयी सरकार गिरायी थी? मैंने इसके बारे में कुछ लेख पढ़ा है!
इस सवाल का सुब्रमण्यम स्वामी ने जवाब देते हुए कहा, '' बहुमत वाली सरकार को गिराने के लिए हमें 272 सांसदों का वोट चाहिए था। लेकिन जनता पार्टी के एक ही सांसद थे। इससिए डफरों की तरह पेड्स आर्टिकल के आधार पर मूर्खतापूर्ण सवाल ना पूछें।
जानिए कैसे एक वोट से गिर गई थी 1999 बीजेपी सरकार
1998 में एनडीए (NDA) गठबंधन से अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने थे लेकिन 13 महीने में ही सरकार गिर गई थी। AIADMK प्रमुख जयललिता लगातार सरकार से कुछ मांगें कर रही थीं। उस दौरान तमिलनाडु में DMK की सरकार थी और एम. करुणानिधि मुख्यमंत्री थे। जयललिता की मांग थी कि तमिलनाडु सरकार को बर्खास्त किया जाए। जयललिता ने ऐसा होने के बाद NDA से अपना समर्थन वापस ले लिया और BJP को सदन में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा।
17 अप्रैल 1999 को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस हुई। मायावती ने एनडीए के विरोध में वोट किया। वहीं कोरापुट से सांसद गिरधर गोमांग, जो कि महीने पहले ही ओडिशा के मुख्यमंत्री बने थे। न्होंने लोकसभा से इस्तीफा नहीं दिया था और गोमांग ने बीजेपी सरकार के विश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट किया।
बीजेपी सरकार के पक्ष में 269 वोट पड़े थे और विरोध में 270 वोट पड़े थे। सदन में विश्वास मत न साबित कर पाने की वजह से कुछ महीने बाद ही तत्कालीन संसद भंग कर दी लेकिन वाजपेयी कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहे थे।