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जो झूठ की राजनीति करते रहे हैं वे गांधी के अहिंसा के दर्शन को कभी समझ नहीं पाएंगे : सोनिया गांधी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 2, 2019 13:44 IST

सोनिया गांधी ने कहा कि भारत में पिछले कुछ वर्षों से जो कुछ हो रहा है उससे गांधी की आत्मा पीड़ा महसूस कर रही होगी। भारत और गांधी एक दूसरे के पर्याय हैं लेकिन कुछ लोग चाहते हैं कि आरएसएस भारत का पर्याय बने।

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ठळक मुद्देखुद को सर्वेसर्वा बताने की इच्छा रखने वाले गांधी के आदर्शों को कैसे समझेंगे: सोनिया गांधी।भारत और गांधी एक दूसरे के पर्याय है। यह अलग बात है कि कुछ लोग इसे उलटा करने की कोशिश करते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर पर बापू को नमन करते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस एवं भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग खुद को सर्वेसर्वा बताने की इच्छा रखते हों वो राष्ट्रपिता के आदर्शों को कैसे समझ सकते हैं।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पदयात्रा के समापन के बाद सोनिया ने राजघाट पर पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारा देश और पूरी दुनिया महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती मना रही है तो हम सभी को इस बात पर गर्व है कि भारत आज जहां पहुंचा है वह गांधी के रास्ते पर चलकर पहुंचा है।’’

सोनिया ने मोदी और भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘गांधी जी का नाम लेना आसान है, लेकिन उनके बताए रास्ता पर चलना मुश्किल है। गांधी जी का नाम लेकर भारत को अपने रास्ते पर ले जाने वाले पहले भी कम नहीं थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में साम दाम दंड भेद का खुला खेल करके वो अपना आपको बहुत ताकतवर समझते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन सबके बावजूद भारत नहीं भटका तो इसकी वजह है कि हमारे देश की बुनियाद में गांधी के आदर्शों की आधारशिला है।’’

सोनिया ने कहा, ‘‘भारत और गांधी एक दूसरे के पर्याय है। यह अलग बात है कि कुछ लोग इसे उलटा करने की कोशिश करते हैं। कुछ लोग चाहते हैं कि गांधी नहीं बल्कि आरएसएस भारत का प्रतीक बन जाए। मैं ऐसे लोगों को बताना चाहती हूं कि हमारे देश की मिलीजुली संस्कृति और समाज गांधी जी की सर्वसमावेशी व्यवस्था के अलावा दूसरे के बारे में सोच नहीं सकता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जो लोग असत्य के आधार पर राजनीति कर रहे हैं वो कैसे समझेंगे कि गांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। जो सारी शक्ति अपनी मुठ्टी में रखना चाहते हैं वे कैसे समझेंगे कि गांधी जी के स्वराज का क्या मतलब है।’’ सोनिया ने कहा, ‘‘जिन्हें मौका मिलते ही अपने को सर्वेसर्वा बताने की इच्छा हो वो कैसे समझेंगे कि गांधी जी की सेवा का क्या मतलब है?’’

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