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राम मंदिर भूमि पूजन: अयोध्या केस में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को न्योता, खुशी का इज़हार किया

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 3, 2020 12:10 IST

अयोध्या केस में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी भूमि पूजन का आमंत्रण भेजा गया है। खास बात है कि इस आमंत्रण पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हिस्सा लेंगे।

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ठळक मुद्देमिट्टी, जल एवं रजकण पूजन के लिए अयोध्या पहुंचेगा। दो दिन पहले तक करीब 3,000 स्थानों से मिट्टी और जल वहां पहुंच चुका है।विशिष्ट अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहेंगे।इकबाल अंसारी, सुन्नी वक्फ बोर्ड के सद्र ज़फर अहमद फारूखी और अयोध्या के रहने वाले पद्मश्री मोहम्मद शरीफ भी शिरकत करेंगे। 

अयोध्याःअयोध्या में तैयारी जारी है। इस कार्यक्रम के मेहमानों को न्योता भेजा जा चुका है। अयोध्या भूमि विवाद मामले में मुस्लिम पक्षकार इक़बाल अंसारी को राम मंदिर शिलान्यास समारोह का निमंत्रण मिला। इक़बाल ने कहा क़ि ये राम जी की इच्छा है कि मुझे निमंत्रण मिला। मैं इसे स्वीकार करता हूं। जिस दिन प्रधानमंत्री जी आएंगे उस दिन अयोध्या की खूबसूरती और बढ़ जाएगी।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन में देशभर के करीब आठ हजार पवित्र स्थलों से मिट्टी, जल और रजकण का उपयोग किया जाएगा। कार्यक्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि सामाजिक समरसता का संदेश देने के लिए देशभर से मिट्टी एवं जल का संग्रह किया जा रहा है।

अयोध्या केस में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी भूमि पूजन का आमंत्रण भेजा गया है। खास बात है कि इस आमंत्रण पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हिस्सा लेंगे।

आमंत्रण मिलने के बाद इकबाल अंसारी ने कहा कि मैं कार्यक्रम में जरूर जाऊंगा। उन्होंने कहा कि भगवान राम की मर्जी से हमे न्योता मिला है। अयोध्या में गंगा-जमुनी तहजीब बरकरार है। मैं हमेशा मठ-मंदिरों में जाता रहा हूं। कार्ड मिला है तो जरूर जाऊंगा। इकबाल अंसारी, भूमिपूजन में पीएम नरेंद्र मोदी को राम चरित मानस और राम नामा भेंट करेंगे।

वह हो चुका है और अब हम सभी को आगे की राह देखनी चाहिए

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष के मुख्य मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने आगामी पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन समारोह का न्योता कुबूल करते हुए कहा है कि जो होना था वह हो चुका है और अब हम सभी को आगे की राह देखनी चाहिए।

अंसारी ने कहा "हमें (मंदिर भूमि पूजन) का निमंत्रण आया है। हम उसमें शिरकत करेंगे। हमने यही बात मीडिया में पहले भी कही थी कि अगर हमारी जरूरत है और आप हमें बुलाते हैं तो हम जाएंगे।" इस सवाल पर कि क्या वह कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर कोई मांग करेंगे, उन्होंने कहा कि हमें अब किसी से कुछ नहीं मांगना है। जो होना था वह हो चुका। अब हमें भविष्य की तरफ देखना चाहिए। अयोध्या में विकास की गंगा बहाने के सरकार के आश्वासनों पर अंसारी ने कहा "ग़ैब (भविष्य) की बातें तो अल्लाह ही जानता है। अयोध्या में बहुत सी कमियां हैं। तमाम गरीबी है। यहां हर चीज की कमी है। अब मंदिर बनने के बाद यहां का विकास होगा या नहीं, यह तो अल्लाह ही बेहतर जानता है।"

हर तीन महीने के बाद लाखों आदमी आता है, मगर इसके बावजूद आज तक तरक्की नहीं हो पाई

उन्होंने कहा "अयोध्या में हर तीन महीने के बाद लाखों आदमी आता है, मगर इसके बावजूद आज तक तरक्की नहीं हो पाई।" भूमि पूजन को लेकर अयोध्या वासियों में व्याप्त उत्साह के बारे में पूछे जाने पर अंसारी ने कहा "फिलहाल अयोध्या में बहुत सन्नाटा है। हर तरफ पुलिस का पहरा है। श्रद्धालुओं को भूमि पूजन कार्यक्रम का दीदार करने के लिए नहीं पहुंचने दिया जा रहा है।

हो सकता है कि कोरोना के कारण एहतियात ज्यादा बरती जा रही हो।" उन्होंने एक अन्य सवाल पर कहा "जहां तक अयोध्या का सवाल है तो यहां बुरे से बुरे वक्त में भी अमन चैन कायम रहा। यहां हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कभी कोई तनाव नहीं रहा।" राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा अन्य मुस्लिम पक्षकारों के प्रति खिन्नता जाहिर करते हुए अंसारी ने कहा " अदालतों में जो भी हुआ उसे पूरी दुनिया ने देखा। बाद में उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला भी सुना दिया।

उसके आगे अब हमें ना तो कुछ कहना है, ना करना है, क्योंकि हम लोगों ने देखा है कि जब मध्यस्थता की बात आई थी तो कौन क्या कर रहा था।" अंसारी ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर अयोध्या के धन्नीपुर गांव में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मिली जमीन पर मस्जिद बनाए जाने संबंधी सवाल पर कहा "वहां पहले से ही 22 मस्जिदें मौजूद हैं।

हम पहले ही यह बात कह रहे थे और अब भी कह रहे हैं कि वहां मस्जिद की जरूरत नहीं है।" उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड कोई तामीर का काम नहीं करेगा, वह सिर्फ राजनीति कर रहा है। वह तो बस हकदार बन बैठा है। बोर्ड के पास पैसा ही नहीं है कि वह मस्जिद, रिसर्च सेंटर और अस्पताल वगैरह बनाए। 

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