राज्यसभा चुनाव: मल्लिकार्जुन खड़गे के आने से गुलाम नबी आजाद का भविष्य अनिश्चित, आनंद शर्मा भी नाराज!
By हरीश गुप्ता | Published: June 8, 2020 07:05 AM2020-06-08T07:05:14+5:302020-06-08T07:06:32+5:30
राज्यसभा चुनाव 2020: कांग्रेस ने कर्नाटक से राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। गुलाम नबी आजाद कार्यकाल फरवरी 2021 में समाप्त हो रहा है। ऐसे में संभव है कि खड़गे नेता प्रतिपक्ष का पद संभाल सकते हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कर्नाटक से राज्यसभा में प्रवेश के बीच पार्टी में एक बार फिर संकट के बादल गहराने की आशंका है। 19 जून के द्विवार्षिक राज्यसभा चुनावों के बाद उसके सदस्यों की संख्या संसद के उच्च सदन में भाजपा से आधी हो जाएगी।
भाजपा के राज्यसभा सदस्यों का आंकड़ा जहां रिकॉर्ड 86 तक जा सकता है, सबकुछ योजनानुसार रहने पर भी कांग्रेस 43-44 सीटों पर आकर ठहर जाएगी।
खड़गे राज्यसभा में अगले साल की शुरुआत में गुलाम नबी आजाद की जगह नेता प्रतिपक्ष का पद संभाल सकते हैं। आजाद का राज्यसभा का वर्तमान कार्यकाल फरवरी 2021 में समाप्त हो रहा है। उनकी राज्यसभा में वापसी के भी कोई आसार नहीं दिखा देते। जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग हो चुकी है और सदस्य संख्या कम होने के कारण कांग्रेस को उत्तर प्रदेश या उत्तराखंड से भी कोई उम्मीद नहीं है।
आनंद की उम्मीदों पर पानी: कांग्रेस आलाकमान राज्यसभा में पार्टी उपनेता आनंद शर्मा को नेता प्रतिपक्ष बनाने के पक्ष में नहीं है। पार्टी कर्नाटक में आसान जीत के लिए इतनी लालायित है कि उसने दूसरी सीट के लिए अपने 17 अतिरिक्त वोट जद (एस) एच. डी. देवेगौड़ा को देने की तैयारी दिखाई है। इस सारे घटनाक्रम से आनंद शर्मा नाराज बताए जाते हैं।
मिलेगा कामचलाऊ बहुमत: तीन सीटें कांग्रेस से छीनकर 86 तक पहुंचने की उम्मीद रखने वाली भाजपा को सहयोगी दलों से भी सदन में मदद मिलेगी। ऐसे में जदयू (5), शिअद (3), रिपाई-आठवले (1) जैसे सहयोगियों और अन्नाद्रमुक (9), टीआरएस (7), वाईएसआर कांग्रेस (2) और बीजद (9), छह निर्दलीयों और चार नामांकित सदस्यों के बाहरी समर्थन से भाजपा के पास उच्च सदन में बहुमत हो जाएगा।