जयपुर: राजस्थान में सत्ता को लेकर जारी राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस को भाजपा ने अपने निशाने पर ले लिया। रविवार (2 अगस्त) को केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र शेखावत ने गहलोत सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट कर कहा कि गहलोत सरकार का सार मौज-मस्ती, सैर-सपाटा, खाना-पीना, अंताक्षरी खेलना, फिल्म देखना और दूसरों की गलती निकालना है।
वहीं विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ ने भी गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ट्वीट किया कि राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या 43 हजार से भी अधिक हो चुकी है। वहीं अब तक 700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन संवेदनशील, जवाबदेह और पारदर्शी प्रशासन का दम भरने वाली गैर जिम्मेदाराना गहलोत सरकार पॉलिटिकल क्वारंटाइन में चली गई है, जिन्हें आमजन से कोई सरोकार नहीं है। यदि सरोकार है तो अपनी सरकार बचाने से।
धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल समेत कई मंत्री राजस्थान की सरकार गिराने में लगे- सीएम अशोक गहलोत
राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल समेत कई मंत्री और केन्द्रीय गृह मंत्रालय राजस्थान की कांग्रेस सरकार गिराने में लगा है। भाजपा के मुंह खून लग गया है। वह कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भी सरकार गिरा चुकी है और अब राजस्थान में भी यही किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनेक छिपे रुस्तम भी लगे हुए हैं, लेकिन हमें मालूम है कि वे कौन हैं।
मुख्यमंत्री ने पायलट गुट के विधायकों के लौटने के सवाल पर कहा कि यह हाईकमान पर निर्भर करता है, यदि हाईकमान उन्हें माफ कर देते हैं तो मैं भी सबको गले लगा लूंगा। मेरा कोई अहम का टकराव नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र की घोषणा होते ही हॉर्स ट्रेडिंग के रेट बढ़ा दिए गए। देश में ये क्या तमाशा हो रहा है। मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं। उन्हें चाहिए कि राजस्थान में जो तमाशा हो रहा है उसे बंद करवाएं। कांग्रेस में सरकार गिराने की कोशिश करने की परंपरा कभी नहीं रही।
बसपा सुप्रीमो मायावती के कोर्ट जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मायावती बहनजी सीबीआई और ईडी के दबाव में हैं।