जयपुर: राजस्थान में तकरीबन दो हफ्ते से जारी सियासी संकट (Rajasthan Political Crisis) के बाद कांग्रेस के पूर्व अधयक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जिम्मेदार बताया है। राहुल गांधी के आरोप का जवाब देते हुए राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने पलटवार किया। सतीश पुनिया राहुल गांधी को आपातकाल की बातें याद दिलाई।
राहुल गांधी ने 24 जुलाई की रात ट्वीट किया, ''देश में संविधान और क़ानून का शासन है। सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं। राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ है। ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है। राज्यपाल महोदय को विधान सभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए।''
राहुल गांधी के इस ट्वीट का जवाब देते हुए सतीश पुनिया ने लिखा, ''देर से भी आये और दुरूस्त भी नहीं। महाशय राहुल गांधी जी लंका लुटने के कगार पर है। ये भी अच्छी याद दिलाई थोड़ा 1975 का आपातकाल और 91 बार अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग का इतिहास भी पढ़ लेते, लोकतंत्र और संविधान पर नैतिक अधिकार कांग्रेस ने नेहरू जी के जमाने में ही खो दिया था।''
अशोक गहलोत ने शुक्रवार (24 जुलाई) को कहा था कि राजभवन पर जनता के घेराव कर सकती है। सीएम गहलोत के इस बायन का वीडियो शेयर कर सतीश पुनिया ने लिखा, ये अशोक गहलोत प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं जो कानून के रखवाले हैं, जो राजभवन को घेरने और जनता को उकसाने का अपराध कर रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते क्या आपदा अधिनियम की धारा में भीड़ को आमंत्रण देकर अपराध नहीं कर रहे हैं, होटल में विगत दिनों धज्जियां तो पहले से ही उड़ा रहे हैं।
वहीं अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, "विनाश काले विपरीत बुद्धि" देखिए कानून के रखवाले अशोक गहलोत कुर्सी बचाने के लिए राजभवन को घेरने की धमकी दे रहे हैं क्या आप राज्यपाल को सत्र बुलाने के लिए दवाब दे सकते हैं? कुछ मसले न्यायिक प्रक्रिया के अधीन हैं क्या आप संविधान और कानून से उपर हैं? इतिहास आपको माफ नहीं करेगा?
सीएम गहलोत ने विधायकों के साथ दिया शुक्रवार को राजभवन में धरना
विधानसभा सत्र की मांग को लेकर कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों ने राजभवन में धरना दिया, हालांकि राज्यपाल के आश्वासन के बाद यह धरना शुक्रवार की रात समाप्त हो गया। ये विधायक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का सामूहिक आग्रह करने के लिए राज्यपाल से मिलने गए थे और उसके बाद वहां धरने पर बैठ गए। राज्यपाल ने कांग्रेस विधायकों को आश्वस्त किया है कि वह इस मामले में किसी दबाव और द्वेष के बिना संविधान का अनुपालन करेंगे।
कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों के राजभवन में धरना शुरू किए जाने के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार की शाम कहा कि राज्य में उल्टी गंगा बह रही है जहां सत्ता पक्ष खुद विधानसभा का सत्र बुलाना चाहता है और विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि हम तो इसकी मांग नहीं कर रहे। गहलोत ने राज्यपाल को संवैधानिक मुखिया बताते हुए अपने विधायकों को गांधीवादी तरीके से पेश आने की नसीहत दी।