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राजनीति के मामले में विरोधियों से कहीं आगे हैं पवार, 41 से 53 सीटों पर राकांपा को पहुंचाया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 25, 2019 15:39 IST

चुनाव में उम्मीद की जा रही थी नतीजे एकतरफा होंगे और भाजपा-शिवसेना प्रचंड बहुमत हासिल करेंगे लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुरुवार को 53 सीटों पर जीत दर्ज करती दिख रही है जो शिवसेना से महज चार सीट कम है। यह आंकड़ा 2014 के 41 से कहीं बेहतर है।

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ठळक मुद्देपवार ने गठबंधन के बड़े सहयोगी कांग्रेस के साथ का समीकरण भी बदल दिया है जो 46 सीटों आगे चल रही है।कई राकांपा नेता विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दी थी लेकिन कभी हार नहीं मानने वाले पवार ने खुद कमान संभाली।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं द्वारा पाला बदल लेने से चुनाव संभावनाओं पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव की आशंकाओं को नकारते हुए पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने अपने लंबे राजनीतिक अनुभव के जरिये चुनाव में अच्छी संख्या में सीटें दिलाकर पार्टी को सम्माजनक स्थान दिलवाया।

चुनाव में उम्मीद की जा रही थी नतीजे एकतरफा होंगे और भाजपा-शिवसेना प्रचंड बहुमत हासिल करेंगे लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुरुवार को 53 सीटों पर जीत दर्ज करती दिख रही है जो शिवसेना से महज चार सीट कम है। यह आंकड़ा 2014 के 41 से कहीं बेहतर है।

इसके साथ ही पवार ने गठबंधन के बड़े सहयोगी कांग्रेस के साथ का समीकरण भी बदल दिया है जो 46 सीटों आगे चल रही है। राकांपा की खुशी उस समय और बढ़ गई जब सातारा लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशी श्रीनिवास पाटिल ने भाजपा के उदयराजे भोंसले को हराकर जीत दर्ज की।

भोंसले राकांपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। पार्टी सूत्रों ने कहा कि राकांपा को अस्तित्व की लड़ाई से बाहर निकालने का श्रेय 79 वर्षीय क्षेत्रप शरद पवार को जाता है जो पांच दशक से राजनीति में हैं और उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि वह राजनीति के मामले में विरोधियों से कहीं आगे हैं।

उन्होंने कहा कि कई राकांपा नेता विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दी थी लेकिन कभी हार नहीं मानने वाले पवार ने खुद कमान संभाली और निर्वाचन क्षेत्रों में घूम-घूम कर पार्टी को पुनर्जीवित किया। खराब स्वास्थ्य के बावजूद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस सहित भाजपा नेतृत्व से कृषि संकट एवं अनुच्छेद-370 जैसे अहम मुद्दों पर मोर्चा लिया।

राकांपा प्रवक्ता संजय तटकरे ने कहा कि गुरुवार के नतीजे संकेत हैं कि पवार का करिश्मा अब भी बरकरार है। उन्होंने कहा, ‘‘राकांपा 54 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है और कांग्रेस 2014 की स्थिति पर कायम है जबकि भाजपा-शिवसेना ने मिलकर 220 सीटों पर जीतने का दावा किया था। यह चुनाव शरद पवार की लड़ाई के लिए याद किया जाएगा।’’

पवार अपने 52 साल के राजनीति करियर में रक्षामंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और महाराष्ट्र में तीन बार मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वह महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा के सात-सात बार सदस्य रह चुके हैं।

पवार 1978 में उस समय चर्चा में आए जब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंत पाटिल को अपदस्थ कर राज्य में जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई। तब वह 38 साल के थे और महाराष्ट्र के सबसे युवा मुख्यमंत्री थे। पवार ने 1999 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर पार्टी छोड़ी और उसी साल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना की। पवार मनमोहन सिंह की सरकार में 10 साल तक देश के कृषिमंत्री रहे। 

टॅग्स :इंडियामहाराष्ट्रमहाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019शरद पवारराष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टीनरेंद्र मोदीकांग्रेससोनिया गाँधीSonia Gandhi
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