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योगी सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा- गाय,गीता और गंगा ही हिन्दुस्तान की पहचान हैं

By अनुराग आनंद | Updated: June 20, 2020 21:56 IST

उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि अब हिन्दुस्तान और उ.प्र. में गाय, गीता, गंगा पुन: उसी स्तर पर हैं जैसा तब था जब हमारा देश विश्वगुरु बना था।

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ठळक मुद्देलक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि डॉक्टर भी कहते हैं कि मां के दूध के बाद भारतीय गाय का दूध नवजात शिशु के लिये बेहतर होता है।लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि उप्र सरकार के इस कदम को किसी धर्म से नही जोड़ना चाहिये, यह मामला गोरक्षा, आस्था और स्वास्थ्य का है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने शनिवार को कहा कि ''गाय, गंगा और गीता'' भारत की पहचान है और इन्ही तीनों की बदौलत ही भारत एक दिन विश्व गुरू बना था।

उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर राज्य में गौवध को रोकने के लिये कुछ नहीं करने का भी आरोप लगाया। चौधरी ने शनिवार को पीटीआई-भाषा से कहा,‘‘ गाय, गंगा और गीता भारत की पहचान है तथा इनकी बदौलत भारत विश्वगुरू बना था । जब हमारे देश में भैसें नहीं थी तब केवल तब केवल गायें ही थीं।

यहां तक कि डॉक्टर भी कहते हैं कि मां के दूध के बाद भारतीय गाय का दूध नवजात शिशु के लिये बेहतर होता है ।'' गायों की सुरक्षा और गोवध को रोकने की आवश्यकता के संबंध में चौधरी ने उप्र सरकार उत्तर प्रदेश गोवध रोकथाम (संशोधन) अध्यादेश, 2020 का हवाला देते ने कहा,'' पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान गोकशी के बहुत मामले सामने आये लेकिन उन्होंने इस अपराध पर अंकुश लगाने कुछ नहीं किया।

गोरक्षा का विषय आस्था और स्वास्थ्य से जुड़ा है

मंत्री ने कहा कि पहले गोकशी पहले यह जमानती अपराध था और आरोपियों को महज दो-तीन दिन में जमानत मिल जाती थी ।'' मंत्री ने अध्यादेश के संबंध में कहा '' उप्र सरकार के इस कदम को किसी धर्म से नही जोड़ना चाहिये, यह मामला गोरक्षा, आस्था और स्वास्थ्य का है।

एक बार मैंने खुद देखा कि एक ट्रक में तीस गायें थीं और जबतक उनको मुक्त कराया तबतक उनमें तीन गायें मर गयी थीं। गोवध एक जघन्य अपराध है। हमें कानून बनाना पड़ा ताकि गोवध रूके।'' नौ जून को उत्तर प्रदेश सरकार ने इस अध्यादेश मसौदे को स्वीकृति प्रदान की।

गायों की रक्षा और गोवध रोकने के लिए उसमें अधिकतम 10 साल के कठोर कारावास और पांच लाख रूपये तक का प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक मे राज्य मंत्रिमंडल ने उस मसौदे को मंजूरी दी थी।

उत्तर प्रदेश सरकार के बयान में कहा गया था कि इस अध्यादेश का लक्ष्य उत्तर प्रदेश गोवध रोकथाम अधिनियम 1955 को और मजबूत एवं प्रभावी बनाना तथा गोवधन की घटनाओं को पूरी तरह रोकना है।

टॅग्स :उत्तर प्रदेशयोगी आदित्यनाथक्राइम
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