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मध्य प्रदेश: राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव, प्रत्याशी चयन बना बीजेपी की चुनौती, रणनीति बनाने के लिए जल्द होगी बैठक

By राजेंद्र पाराशर | Updated: February 28, 2020 06:07 IST

भाजपा दोनों की सीटों को बरकरार रखने के लिए प्रत्याशी मैदान में उतारने की रणनीति भी बना सकती है, इसके लिए 6 मार्च के बाद एक वरिष्ठ नेताओं की बैठक में रणनीति बनाई जाएगी.

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ठळक मुद्देभाजपा नेतृत्व की निगाह 4 निर्दलीय विधायकों पर टिकी हुई है. इनमें से 3 निर्दलीय विधायक कई बार सरकार के खिलाफ मुखर होते भी नजर आए हैं.भाजपा के अलावा के नेता भी तीसरी सीट को लेकर चिंंतित नजर आ रहे हैं.

मध्यप्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा के लिए प्रत्याशी चयन करना चुनौती बन गया है. नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष वी.डी.शर्मा के लिए उपचुनाव से पहले राज्यसभा के लिए प्रत्याशी चयन करना परीक्षा जैसे हो गया है. भाजपा दोनों की सीटों को बरकरार रखने के लिए प्रत्याशी मैदान में उतारने की रणनीति भी बना सकती है, इसके लिए 6 मार्च के बाद एक वरिष्ठ नेताओं की बैठक में रणनीति बनाई जाएगी. हालांकि प्रत्याशी के नाम पर मोहर राष्ट्रीय नेतृत्व की ही लगना तय माना जा रहा है.

भारतीय जनता पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई इन दिनों राज्यसभा सीट को लेकर चिंतित नजर आने लगी है. राज्यसभा के लिए 3 सीटों के लिए चुनाव होना है, जिसमें वर्तमान में भाजपा का कब्जा 2 सीटों पर था, जबकि कांग्रेस के खाते में 1 सीट थी. संख्या बल के आधार पर वर्तमान में भाजपा के खाते में 1 सीट और कांग्रेस के खाते में 2 सीटें जाना तय है. हालांकि भाजपा नेतृत्व दोनों सीटों को बरकरार रखना चाहता है, इसके लिए वह चुनाव कराने की रणनीति भी बना सकता है. 

भाजपा नेतृत्व की निगाह 4 निर्दलीय विधायकों पर टिकी हुई है. इनमें से 3 निर्दलीय विधायक कई बार सरकार के खिलाफ मुखर होते भी नजर आए हैं. इसके चलते कांग्रेस के लिए दूसरी सीट पर संकट खड़ा करने के लिए भाजपा निर्दलीय विधायकों को अपने साथ लेकर दोनों सीटों पर कब्जा बरकार बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही है. इसके लिए वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक 6 मार्च के बाद होना है. इस बैठक के पहले प्रदेश भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष वी.डी. शर्मा के लिए यह चुनौती भी बन गया है कि वे संघ की पसंद और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति को किस तरह बनाए, ताकि दूसरी सीट का जादुई आंकड़े को भाजपा छू जाए.

कांग्रेस भी ऊहापोह में

भाजपा के अलावा के नेता भी तीसरी सीट को लेकर चिंंतित नजर आ रहे हैं. कांग्रेस का एक खेमा चाह रहा है कि इस सीट पर भी चुनाव हो, वहीं दूसरा खेमा इसे लेकर तैयार नहीं है. हालांकि इसके लिए कांग्रेस हाईकमान ने फिलहाल मुख्यमंत्री कमलनाथ को फ्री हैंड दे दिया है. कुछ कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि राज्यसभा सदस्य चुनाने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 58 विधायकों के मतों की आवश्यकता होगी और वर्तमान में कांग्रेस के पास 121 विधायक हैं. 

इसके चलते कांग्रेस दो सदस्यों को तो आसानी से राज्यसभा भेज सकती है, मगर तीसरी सीट उसके लिए मुसीबत भी बन सकती है. तीसरी सीट के लिए अगर चुनाव होते हैं तो कांग्रेस के पास मात्र 7 विधायक अपने और 4 निर्दलीय रहेंगे. वहीं 107 सीटों वाली भाजपा के लिए भी दूसरी सीट पाने के लिए 116 सदस्य होना जरुरी है. इस स्थिति में उसे 9 विधायकों को अपने पक्ष में करान होगा. इस पर मंथन करने के लिए भाजपा ने 6 मार्च के लिए बैठक बुलाई है, इस बैठक में भाजपा तय करेगी कि उसे तीसरी सीट के लिए चुनाव कराना है या नहीं.

टॅग्स :मध्य प्रदेशभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेस
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