नितिन नायगावकर.
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद उल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के नेता सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने साफ कहा कि देश में लोगों की जरूरतों को समझने और उन्हें पूरा करने का दृष्टिकोण केवल क्षेत्रीय दलों के पास है. इन्हीं दलों की वजह से राज्य मजबूत होता है और राज्यों का जीडीपी भी बढ़ता है. राज्यों का जीडीपी बढ़ा, तभी देश की आर्थिक वृद्धि भी होती है. इस वजह से सर्वसमावेशी विकास की क्षमता केवल क्षेत्रीय दलों के पास होती है, डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 'लोकमत संसदीय पुरस्कार' समारोह के तहत 'भारतीय राजनीति में क्षेत्रीय दलों की भूमिका' विषय पर उन्होंने विचार व्यक्त किए.
ओवैसी ने कहा, ''इस साल लोकसभा चुनाव में 65 क्षेत्रीय दलों ने 135 निर्वाचन क्षेत्रों में विजय हासिल की. तकरीबन 14 करोड़ 5 लाख वोट पाकर लोकसभा की 23% सीटों पर क्षेत्रीय दलों के सदस्य काबिज हैं. क्षेत्रीय आशा, अपेक्षा, आवश्यकता एवं समस्याएं समझ पाने की क्षमता इन पार्टियों में है. इस वजह से उनके सांसद लोकसभा में हैं. उन्होंने जोर दिया कि क्षेत्रीय पार्टियों जैसा विकास का दृष्टिकोण राष्ट्रीय पार्टियों के पास नहीं है. इस वजह से देश में राष्ट्रीय पार्टियों की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का प्रभाव पूरे देश में था, पर अलग-अलग राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन के रूप में सत्ता में होने की वजह से वे फैसला नहीं कर पाते थे. भाजपा की हालत भी मौजूदा वक्त में वही है. राज्यों में आखिरी पांत पर खड़े व्यक्ति की आवाज समूचे देश तक पहुंचाने की ताकत केवल क्षेत्रीय दलों में है.
राष्ट्रीय दलों के लिए यह कर पाना संभव नहीं. राष्ट्रीय पार्टी बनने का लक्ष्य नहीं ओवैसी ने साफ किया, ''जन प्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक राष्ट्रीय दल होने के लिए 6% वोटों की जरूरत होती है. हमारी पार्टी की जड़ें तेलंगाना में हैं, पर हमने महाराष्ट्र और बिहार में चुनाव लड़ा. यह हमारी शुरुआत है, फिर भी हमारा लक्ष्य राष्ट्रीय पार्टी बनना नहीं है.''