तमिलनाडु की आरके नगर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों में टीटीवी दिनाकरन ने जीत दर्ज की। जयललिता की मौत के बाद हुए विवादों में दिनाकरन पार्टी से अलग हुए थे। उन्होंने सत्तारूढ़ जयललिता की पार्टी अन्नाद्रमुक (AIADMK) के उम्मीदवार केई मधुसूदनन करारी मात दी।
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जयललिता की सीट पर दिनाकरन जीत गए हैं। उन्होंने चेन्नई पहुंच के बाद कहा, 'मैं भले निर्दलीय उम्मद हूं, पर पूरी पार्टी (AIADMK) मेरे साथ है। अम्मा का आशीर्वाद भी मेरे साथ है।'
आरके नगर सीट पर दिनाकरन जीत लगभग पक्की है। छठें राउंड की गिनती की बाद उन्होंने AIADMK और DMK के उम्मीदवारों पर बड़ी बढ़त हासिल कर ली है। निकटतम प्रतिद्वंदी केई मधुसूदनन से वह 14,0o0 से ज्यादा वोटों से आगे हैं।
निर्दलीय उम्मीदवार दिनकारण अपने निकटम प्रतिद्वंदी AIADMK के उम्मीदवार केई मधुसूदनन पर बढ़त बनाए हुए हैं।
शुरुआती रुझानों में निर्दलीय उम्मीदवार दिनाकरन को 5082 वोट, सत्तारूढ़ AIADMK केई मधुसूदनन को 1783 वोट व मुख्य विपक्षी पार्टी द्रमुक (DMK) के एन मरूथु गणेश को 1142 वोट मिले हैं।
इससे दिनाकरन के समर्थकों में भारी उत्साह है। उनके घर के सामने अभी से जमकर पटाखे फोड़े जाने लगे हैं, मिठाइयां बांटी जा रही हैं।
दिनाकरन ने डंके की चोट पर खुद को जयललिता का उत्तराधिकारी बताते हुए आरके नगर सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ा है। अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जे जयललिता के पिछले साल दिसंबर में निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। चूंकि जयललिता का पार्टी पर एकाधिकार था इसलिए उनकी मौत के बाद पार्टी में नेतृत्व को लेकर विवाद शुरू हो गया और दिनकारण को पार्टी से अलग कर दिया गया। लेकिन दिनाकरन ने खुद को हमेशा जयललिता असल उत्तराधिकारी माना।
ऐसे में आरके नगर के उपचुनाव काफी अहम हो गए थे। जयललिता की मौत के बाद यह पहला चुनाव था। इसलिए भारी सुरक्षा के बीच सीट पर किसी तरह मतदान कराया गया। हालांकि लोग वोट देने के लिए घरों से निकले और रिकॉर्ड 77. 68 प्रतिशत मतदान हुआ।