कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान 'अम्फान' ने जमकर तबाही बरपाई है। इस तूफान से मरने वाले की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 77 हो गई है। आपदा प्रबंधन और नगर प्रशासन अधिकारी सामान्य जन जीवन बहाल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य का दौरा कर हवाई सर्वेक्षण किया है। इसके बाद उन्होंने 1000 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष से देने की घोषणा की, जिसको लेकर कांग्रेस की नेता अलका लांबा ने हमला बोला है।
अलका लांबा ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के उस ट्वीट को रिट्वीट किया है, जिसमें संबित पात्रा ने लिखा है कि Cyclone Amphan से हुए नुकसान के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल को 1000 करोड़ का अग्रिम भुगतान किया है।
उनके इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए अलका लांबा ने लिखा, 'तूफान के आकर चली जाने के बाद मिली रकम को एडवांस में मिली रकम के तौर पर ही देखा जाए... अभी मात्र घोषणा है, दीदी का बयान और पैसा आना बाकी है... संघी सरकार का कोई भरोसा नहीं, कब पलट जाए...' दरअसल, पीएम मोदी ने घोषणा करते हुए कहा कि अभी तत्काल राज्य सरकार को कठिनाई न हो इसके लिए 1000 करोड़ रुपये भारत सरकार की तरफ से व्यवस्था की जाएगी। साथ-साथ जिन परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं उन परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपये और जो लोग घायल हुए हैं उनको 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल की इस दुख खड़ी में हम पूरा सहयोग देंगे। बंगाल जल्द-जल्द से खड़ा हो जाए और तेज गति से आगे बढे़। इसके लिए भारत सरकार बंगाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगी और जो भी आवश्यकताएं होगी उन आवश्यकताओं को पूर्ण करते हुए बंगाल की मदद में हम खड़े रहेंगे।
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये और प्रभावित इलाकों में प्राथमिक बहाली कार्य के लिए एक हजार करोड़ रुपये के कोष का ऐलान किया था।
आपको बता दें, चक्रवात अम्फान ने राजधानी कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के करीब आधा दर्जन जिलों में बुधवार रात तबाही मचाई है। इसके प्रकोप से झुग्गियां उड़ गई, हजारों पेड़ गिर गए और निचले इलाकों में पानी भर गया। इस वजह से लाखों लोग बेघर हो गए। राजधानी और उत्तर तथा दक्षिण 24 परगाना के कुछ हिस्सों में मोबाइल और बिजली सेवा को बहाल किया गया, लेकिन शहर का बड़ा हिस्सा अब भी बिजली के बिना रह रहा है, क्योंकि बिजली के खंभे गिर पड़े हैं और संचार लाइनें कट गई हैं।