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Coronavirus Outbreak Updates: तेलंगाना-आंध्र-प्रदेश सीमा पर तनाव, जांच चौकियों पर सैकड़ों लोग फंसे, विद्यार्थियों को अनुमति नहीं

By शिरीष कुलकर्णी | Updated: March 26, 2020 14:25 IST

दोनों राज्यों की सीमा पर बड़े पैमाने पर भीड़ जुट गई, बल्कि पीड़ित विद्यार्थी आंध्र प्रदेश पुलिस के साथ विवाद करते हुए नज़र आये। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव बढ़ गया। ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार द्वारा देशभर में लागू किये गये लॉक डाउन के मद्देनज़र हैदराबाद में सभी स्कूल, कॉलेज, होटल, आदि बंद करने के निर्देश जारी किये गये थे।

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ठळक मुद्दे हॉस्टलों एवं अन्य स्थानों पर रह रहे विद्यार्थियों को खान-पान की समस्या के कारण अपने घर लौटने पर मजबूर होना पड़ा था।तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सामा पर बड़ी तादाद में पहुँचे विद्यार्थियों को देखकर आंध्र प्रदेश की पुलिस ने विद्यार्थियों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी।

हैदराबादः कोरोना का प्रसार रोकने के लिए देशभर में 14 अप्रैल तक लागू किये गये लॉक डाउन के मद्देनज़र हैदराबाद से अपने घर लौटने के लिए बुधवार की मध्यरात्री के बाद आंध्र प्रदेश सीमा पर पहुँचे सैंकड़ों विद्यार्थियों को आंद्र प्रदेश की पुलिस द्वारा अंतरराज्यीय सीमा पर ही रोक दिया गया।

इससे न केवल दोनों राज्यों की सीमा पर बड़े पैमाने पर भीड़ जुट गई, बल्कि पीड़ित विद्यार्थी आंध्र प्रदेश पुलिस के साथ विवाद करते हुए नज़र आये। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव बढ़ गया। ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार द्वारा देशभर में लागू किये गये लॉक डाउन के मद्देनज़र हैदराबाद में सभी स्कूल, कॉलेज, होटल, आदि बंद करने के निर्देश जारी किये गये थे।

खान-पान की समस्या के कारण अपने घर लौटने पर मजबूर

इसी कारण अन्य ज़िलों से यहाँ आकर विभिन्न हॉस्टलों एवं अन्य स्थानों पर रह रहे विद्यार्थियों को खान-पान की समस्या के कारण अपने घर लौटने पर मजबूर होना पड़ा था। उनकी इस समस्या को ध्यान में रखकर तेलंगाना प्रशासन द्वारा सभी संबंधित विद्यार्थियों को यातायात के अपने निजी प्रबंध की शर्त के आधार पर एक बारगी पास देने की योजना शुरू कर आवेदनों के नाम पास जारी किये गये थे।

इस बारे में पड़ोसी आंध्र प्रदेश की सरकार को भी जानकारी दी गई थी। हालांकि मध्यरात्रि तक तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सामा पर बड़ी तादाद में पहुँचे विद्यार्थियों को देखकर आंध्र प्रदेश की पुलिस ने विद्यार्थियों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी। इससे तेलंगाना से सटे कृष्णा, गुंटूर, नलगोंडा, नागार्जुन सागर एवं अन्य सभी प्रमुख राजमार्गों पर कई किलोमीटर तक वाहनों की लम्बी कतारों के साथ ही विद्यार्थियों की भारी भीड़ जुट गई।

बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को राज्य के भीतर प्रवेश देने के बारे में कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ

आंध्र प्रदेश पुलिस कर्मियों का कहना रहा कि उन्हें राज्य सरकार से इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को राज्य के भीतर प्रवेश देने के बारे में कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री द्वारा देश के सभी लोगों को जहाँ हैं, वहीं रहने के आदेश दिये जाने के बावजूद तेलंगाना सरकार द्वारा इतने बड़े पैमाने पर पास जारी करना अनुचित है। राज्य के बाहर से आने वाले लेगों को कुछ दिन तक अलगह रखना अनिवार्य है। ऐसे में इतनी बडी संख्या में लोगों को अलग रखने का किसी भी प्रकार का इंतजाम नहीं है। इसी कारण उन्हें राज्य के भीतर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा सकती।

 कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) के बीच आंध्र प्रदेश-तेलंगाना सीमाओं पर विभिन्न जांच चौकियों पर बुधवार रात से सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं क्योंकि अधिकारियों ने उन्हें राज्य में प्रवेश देने से इनकार कर दिया है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों समेत मुसीबत में फंसे लोगों की बार-बार अपील के बाद आंध्र प्रदेश के अधिकारी आखिरकार उन्हें प्रवेश की अनुमति देने पर राजी हो गए लेकिन इस शर्त पर कि उन्हें पृथक केंद्र ले जाया जाएगा।

जिन लोगों ने सरकार के दिशा निर्देशों को स्वीकार कर लिया उन्हें अंदर आने दिया गया जबकि बाकी लोग सीमा चौकियों पर ही रह गए। हैदराबाद में छात्रावास और पेइंग गेस्ट सुविधाओं के फिर से खुलने की खबर आने के बाद ज्यादातर छात्र वापस चले गए। आंध्र प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार सुबह एक विज्ञप्ति में कहा कि हैदराबाद से आए 44 लोगों को नुजीविदु में एक पृथक केंद्र ले जाया गया। विज्ञप्ति के अनुसार, कुछ अन्य लोग हैदराबाद लौट गए जबकि पृथक केंद्र में जाने से इनकार करने वाले 200 से अधिक लोगों को भी वापस भेजा जा रहा है।

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘सिर्फ उन लोगों को राज्य में आने की अनुमति दी जा रही है जिनके पास वैध चिकित्सा कारण है। अन्य को किसी भी परिस्थिति में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’ इस बीच, तेलुगु फिल्म अभिनेता और जन सेना पार्टी के अध्यक्ष पवन कल्याण ने कोविड-19 राहत कार्य के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में एक करोड़ रुपये दान देने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। पार्टी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री राहत कोष में भी 50-50 लाख रुपये देने की घोषणा की है। जन सेना आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी है।

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