महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद भले ही सत्ता संग्राम थमने के बावजूद राजनीतिक बयानबाजी में कोई कमी नहीं आई है। एक तरफ शिवसेना अपने मुखपत्र के जरिए जहां भाजपा पर लगातार सियासी बयान देती है। वहीं, भाजपा के दिग्गज नेता भी शिवसेना के इन बयानों पर कड़ा प्रतिक्रिया देते रहे हैं। इसी बीच भाजपा नेता अनंत हेगड़े ने एक बेहद विवादस्पद व आश्चर्यजनक बयान दिया है।
अनंत हेगड़े ने कहा कि यह जानते हुए कि हमारे पास बहुमत का आभाव है, फिर भी देवेंद्र फड़नवीस ने 80 घंटे के लिए प्रदेश के सीएम पद की शपथ ली। इसके पीछे एक बहुत अहम वजह थी। उन्होंने इसके पीछे के कारण को स्पष्ट करते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य के विकास के लिए 40000 करोड़ रुपये दिए थे, इस पैसा को वापस लेने के लिए यह तय किया गया कि एक ड्रामा किया जाएगा।
इसी ड्रामा के तहत फड़नवीस 80 घंटे के लिए सीएम बने और 15 घंटे में वह 40,000 करोड़ रुपये केन्द्र को वापस कर दिए। अनंत हेगड़े ने कहा कि उन्हें पता था कि अगर कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना सरकार सत्ता में आती है तो वह विकास के लिए धन का दुरुपयोग करेगी। इसलिए इस ड्रामा को तैयार किया गया।
आपको बता दें कि शिवसेना ने सोमवार को उम्मीद जताई कि महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर देवेंद्र फड़नवीस उन गलतियों को नहीं दोहराएंगे जो उन्होंने राज्य का मुख्यमंत्री रहते हुए की थीं। फड़नवीस के आनन-फानन में 23 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर एक बार फिर हमला बोलते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा कि भाजपा ने वह चेहरा खो दिया है जिसे लोग पसंद करते थे। उन्हें 80 घंटों बाद ही इस्तीफा देना पड़ा था। इसमें दावा किया गया कि लोगों ने भाजपा से दूरी बना ली है।
शिवसेना ने कहा, “भाजपा के पास जो मौजूदा समर्थन है (अपने खुद के विधायकों एवं निर्दलीय विधायकों का) वह संभवत: पार्टी के साथ नहीं रहेगा। पार्टी के साथ जो कुछ भी हो रहा है वह उसके पूर्व के कर्मों का नतीजा है।” प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता फड़नवीस को रविवार को विधानसभा में विपक्ष का नेता घोषित किया गया।
शिवसेना ने कहा, “फड़नवीस को याद रखना चाहिए कि इतिहास में उन्हें ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा जिसने हर किसी को अंधेरे में रख कर और बहुमत के बिना अवैध तरीके से शपथ ली थी।” पार्टी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि वह उस पद (मुख्यमंत्री) पर महज “80 घंटों” के लिए रहे। अगर वह अपनी इस छवि से बाहर निकलना चाहते हैं तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष के तौर पर नियमानुसार काम करना होगा और भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दल के पूर्व नेता एकनाथ खड़से से ट्यूशन लेनी चाहिए। संपादकीय में कहा गया, “फडणवीस को विपक्ष के नेता की गरिमा बरकरार रखना चाहिए और उन गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए जो उन्होंने महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री रहते हुए की थीं।”