1 / 72 / 7प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंदिर के शिखर पर यह पवित्र भगवा ध्वज फहराया। प्रधानमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।3 / 74 / 7हिंदू धर्म में मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराना धर्म की विजय, शक्ति, और देवता की उपस्थिति का प्रतीक होता है। यह संसार को रामराज्य के आदर्शों का संदेश देता है।5 / 7इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से 6,000 से 7,000 आमंत्रित अतिथि (मुख्य रूप से मध्यम और निम्न-मध्य वर्ग से) उपस्थित थे।6 / 7इस मौके पर मोहन भागवत ने कहा, 'राम राज्य का झंडा, जो कभी अयोध्या में लहराता था, आज हमने उसे एक बार फिर ज़मीन से उठकर शिखर पर जाते देखा है। मंदिर बनने में समय लगा—500 साल तो छोड़ ही दें, पिछले तीस साल भी बहुत मेहनत करने वाले थे। इस झंडे का भगवा रंग धर्म का प्रतीक है।'7 / 7RSS चीफ मोहन भागवत ने कहा, “आज सभी के लिए संतुष्टि का दिन है। इस मकसद के लिए अपनी जान कुर्बान करने वालों की आत्मा को आज शांति मिल रही होगी।” उन्होंने आगे कहा, “राम राज्य का झंडा, जो कभी अयोध्या में लहराता था, हमने आज उसे अपनी आंखों से फहराते हुए देखा है।”