Kedarnath temple: केदारनाथ में बर्फबारी, बर्फ ही बर्फ, सफेद चादर में लिपटे पहाड़, देखें pics

By सतीश कुमार सिंह | Published: November 3, 2020 08:06 PM2020-11-03T20:06:01+5:302020-11-03T20:09:29+5:30

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केदारनाथ धाम में जमकर बर्फबारी हुई है। मंदिर परिसर के चारों तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आ रहा है। मंदिर के चारों तरफ पहाड़ सफेद चादर में लिपटे हुए नजर आ रहे हैं।

केदारनाथ धाम में कड़ाके की सर्दी की वजह से नल जाम हो गए हैं। इस सीजन में यहां दूसरी बार हुई बर्फबारी की वजह से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

दो इंच बर्फबारी से घरों की छतों पर बर्फ की परत जम गई है। इसके चलते निर्माण कार्य बंद करने पड़े। केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को भाईदूज के पर्व पर बंद होंगे, इसके चलते अभी यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। उम्रदराज श्रद्धालुओं को थोड़ी समस्या हो रही हैं, लेकिन युवा श्रद्धालु बर्फबारी का पूरा आनंद उठा रहे हैं।

उत्तराखंड समेत पूरी उत्तर भारत में सर्दी का सितम शुरू हो गया है। बदरीनाथ धाम में पड़ रही कड़ाके की सर्दी से जहां नल और नाले जम गए हैं। केदारनाथ धाम में रविवार दोपहर को भी हल्की बर्फबारी हुई थी।

केदारनाथ के अलावा मद्महेश्वर, तुंगनाथ और कालीशिला की पहाड़ियों पर भी हल्की बर्फबारी हुई। इसके अलावा मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों पंचाचूली, राजरंभा, हसलिंग, नंदा देवी, नागनी धुरा सहित विभिन्न स्थानों में बारिश के साथ बर्फबारी हुई।

मुनस्यारी का अधिकतम तापमान 13 और न्यूनतम तापमान 5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा जिले में सुबह से ही हल्के बादल छाए रहे। इससे डीडीहाट, धारचूला, गंगोलीहाट और बेरीनाग में भी ठंड का असर रहा।

बदरीनाथ में नलों में पानी जमने से भी लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। धाम के आसपास की छोटी जलधाराएं और नाले भी सर्दी के कारण जम गए। तीर्थयात्रियों ने अलाव सेंककर सर्दी से राहत पाने का प्रयास किया। दोपहर बाद हल्की बारिश व बर्फबारी से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गईं। उधर, नर नारायण पर्वत, नीलकंठ और हेमकुंड साहिब में भारी बर्फबारी हुई है।

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध धामों, बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम सीमा में बढ़ोतरी करते हुए उसे अब प्रतिदिन तीन हजार कर दिया गया है । उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड द्वारा जारी ताजा आदेश के अनुसार, गंगोत्री धाम के लिए श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या 900 और यमुनोत्री धाम के लिए 700 कर दी गयी है। हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग कर धामों का दर्शन करने आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या हालांकि इसमें शामिल नहीं है।

देवस्थानम बोर्ड ने चारधाम यात्रा के लिये पिछले दिनों प्रदेश से बाहर के यात्रियों के लिए कोरोना—मुक्त जांच रिपोर्ट लाने की बाध्यता हटा दी थी जिसके बाद धामों के दर्शन के लिए ई—पास मांगने वालों की संख्या में भारी वृद्धि हुई। इसी के मद्देनजर बोर्ड ने चारों धामों के दर्शन हेतु तीर्थयात्रियों की अधिकतम संख्या को बढ़ा दिया है। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि अब बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन 3000, केदारनाथ में 3000, गंगोत्री में 900 तथा यमुनोत्री में 700 तीर्थयात्री दर्शन कर सकेंगे। पहले बदरीनाथ जाने के लिये 1200, केदारनाथ के लिये 800, गंगोत्री के लिये 600 तथा यमुनोत्री के लिये अधिकतम 400 श्रद्धालुओं को ही अनुमति दी जा रही थी ।