सत्तरघाट महासेतुः आठ साल में तैयार, 264 करोड़ की लागत, 29वें दिन ही ध्वस्त, see pics

By सतीश कुमार सिंह | Published: July 16, 2020 04:36 PM2020-07-16T16:36:56+5:302020-07-16T16:47:14+5:30

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने 30 दिन पहले ही 264 करोड़ की लागत से बने सत्तरघाट महासेतु का उद्घाटन किया था। अब गंडक नदी में पानी के बहाव का स्तर बढ़ने व रेत तेज होने की वजह पानी का दवाब महासेतु झेल नहीं पाया और टूट गया। 

गंडक नदी के रास्ते सारण-तिरहुत प्रमंडलों को जोड़ने वाली सत्तरघाट महासेतु का उद्घाटन पिछले दिनों सीएम नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया था। उद्घाटन के बाद उन्होंने महासेतु जनता को समर्पित कर दिया था। 

264 करोड़ की लागत से 1440 मीटर लंबी इस महासेतु पर आवागमन से शुरू हो गई थी। महासेतु का निर्माण होने से शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया जिलों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल की दूरी कम हो गई है।  

पुल गोपालगंज के बैकुंठपुर से पूर्वी चंपारण के चकिया को जोड़ रहा है। इससे सीवान, छपरा, गोपालगंज होते हुए एनएच-28 के जरिये उत्तर बिहार के अधिसंख्य जिलों की संपर्कता हो गई। इस पुल से पटना से मशरख होते हुए रक्सौल तक सीधा रास्ता उपलब्ध हो गया। अप्रैल, 2012 में इसका शिलान्यास हुआ था। लेकिन, अब इस महासेतु के उद्घाटन के कुछ समय बाद ही गिर जाने से विपक्ष ने जांच की मांग की गई है। 

तेजस्वी यादव ने कहा कि8 साल में बनकर तैयार हुआ सत्तर घाट पुल उद्घाटन के 29 दिन बाद ध्वस्त हो गया, इस पर 264करोड़ का खर्च आया था। क्या मुख्यमंत्री ने अपनी वाह-वाही के लिए समय से पहले पुल का उद्घाटन किया। हमारी मांग है कि बिहार सरकार पु​ल बनाने वाली वशिष्टा कंपनी को तुरंत ब्लैकलिस्ट करे।

बिहार के मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्तरघाट पुल में 3 छोटे ब्रिज हैं,सत्तरघाट ब्रिज से 2km दूर छोटे ब्रिज का अप्रोच केवल पानी के तेज़ बहाव से कटा है। पूरे सत्तरघाट पुल को कोई नुकसान नहीं हुआ।पानी जब बढ़ता है तो ऐसी स्थितियां पैदा होती हैं जैसे ही पानी का बहाव कम होगा उसे ठीक किया जाएगा।

गोपालगंज में कल पानी के तेज बहाव के चलते एक महीने पहले जिस पुल का ​उद्घाटन हुआ था उसका एक हिस्सा बह ​गया। एक स्थानीय ने बताया-"इससे मुजफ्फरपुर, मोतिहारी जाने का लिंक टूट गया है।"

भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी ने एप्रोच रोड टूटने के लिए इंजीनियर और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि लापरवाह अधिकारी और इंजीनियर नीतीश सरकार को बदनाम करवा रहे हैं।

एप्रोच रोड रेत की दीवार की तरह ढह गया. गोपालगंज के डीएम अरशद अजीज ने बताया कि एप्रोच सडक हाल ही में बनाई गई थी. बाढ़ के पानी के दबाव के कारण एक हिस्सा धंस कर टूट गया है. पानी कम होने के बाद सड़क को दुरुस्त कराया जाएगा.

16 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल का उद्घाटन किया था. 15 जुलाई को पुल का पूरा एप्रोच गंडक नदी में समा गया. वह भी तब जब गंडक नदी में कोई बहुत ज्यादा उफान नहीं आया था।