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एमएसएमई में खुदरा और थोक व्यापार शामिल, उद्यम पोर्टल पर करें पंजीकरण, 2.5 करोड़ व्यापारियों को फायदा, ढेरों लाभ

By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 2, 2021 21:40 IST

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केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के तहत लाने की घोषणा की है।
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इससे रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुरूप इन्हें भी प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत ऋण का लाभ मिल सकेगा। गडकरी ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के दायरे से बाहर रखा गया था। ‘‘अब संशोधित दिशानिर्देशों के तहत खुदरा और थोक व्यापार को रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के तहत प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण का लाभ मिलेगा।’’
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एमएसएमई मंत्री ने कहा कि सरकार एमएसएमई को मजबूत करने और उन्हें वृद्धि का इंजन बनाने को प्रतिबद्ध है। संशोधित दिशानिर्देशों से 2.5 करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को फायदा होगा। इससे उन्हें उद्यम पोर्टल पर पंजीकरण की अनुमति भी मिल सकेगी। केन्द्र सरकार ने नया पोर्टल udyamregistration.gov.in लॉन्च किया है।
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व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि इस फैसले से व्यपारियों को बैंकों और वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण के तहत जरूरी वित्तपोषण जुटाने में मदद मिलेगी। रजिस्ट्रेशन को वैलिटेड करने के लिए आपको ओटीपी जेनरेट करना होगा, ओटीपी आधार पर रजिस्टर नंबर पर आएगा, उसके बाद संबंधित निर्देशों का पालन कर आप अपना रजिस्ट्रेशन पूरा करवा सकते हैं।
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खुदरा तथा थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के दायरे में लाने के सरकार के फैसले को उद्योग संगठनों ने ‘ऐतिहासिक’ करार दिया है। उसका कहना है कि इससे खुदरा और थोक व्यापार को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में ऋण उपलब्ध हो सकेगा।
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उद्योग संगठनों ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि इससे महामारी की वजह से मुश्किलों का सामना कर रहे कारोबारी क्षेत्र को राहत मिलेगी। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने कहा कि इससे खुदरा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को अपने बचाव, पुनरुद्धार तथा आगे बढ़ने के लिए जरूरी समर्थन मिल सकेगा।
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आरएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कुमार राजगोपालन ने कहा, ‘‘इस ऐतिहासिक फैसले का क्षेत्र पर संरचनात्मक असर पड़ेगा। इससे क्षेत्र को बेहतर वित्त विकल्प उपलब्ध हो सकेंगे जिससे यह संगठित हो सकेगा।’’ कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि इस फैसले के बाद व्यापारी एमएसएमई की श्रेणी में आएंगे और उन्हें बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कर्ज जुटाने में मदद मिलेगी। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया तथा महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि इसके अलावा व्यापारियों को विभिन्न अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ मिल सकेंगे, जो एमएसएमई श्रेणी को मिलते रहे हैं।
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