मीना कुमारी: चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा, दिल मिला कहाँ कहाँ तन्हा
By संदीप दाहिमा | Updated: March 31, 2019 07:49 IST2019-03-31T07:49:34+5:302019-03-31T07:49:34+5:30

आज ट्रैजडी क्वीन मीना कुमारी की पुण्यतिथि है। हर दिल अजीज अदाकार का 31 मार्च 1972 को उनका निधन हुआ था।

एक अगस्त 1933 को मुंबई (तब बॉम्बे) में जन्मी मीना कुमारी का असल नाम महजबीं बानो था।

मीना कुमारी ने फिल्मी दुनिया में बाल कलाकार के तौर पर कदम रखा था। उन्होंने चार साल की उम्र विजय भट्ट की फिल्म में डेब्यू किया।

1938 में मीना कुमार ने लेखक-निर्देशक कमाल अमरोही से शादी लव मैरिज की।

1952 में आई फिल्म बैजू बावरा से मीना कुमारी को रातोंरात स्टार का दर्जा मिल गया।

1953 में आई बिमल रॉय की परिणीता में वो अशोक कुमार के साथ नजर आईं।

साहब बीवी गुलाम, दिल अपना प्रीत पराई जैसी फिल्मों की वजह से मीना कुमारी की छवि ट्रैजडी क्वीन की बन गई।

कमाल अमरोही की फिल्म पाकीजा मीना कुमारी की आखिरी फिल्म थी। इस फिल्म की शूटिंग एक दशक से ज्यादा वक्त में पूरी हुई थी।

मीना कुमारी 'नाज़' नाम से शायरी भी करती थीं। उनका ही लिखा शेर है, "चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा, दिल मिला कहाँ कहाँ तन्हा"

















