Sunil Chhetri Team India: भारतीय फुटबॉल टीम के हीरो सुनील छेत्री की कहानी कुछ और है। जर्सी नंबर 11 ने कमाल कर दिया। पुरुष अंतरराष्ट्रीय मैच में दूसरा सबसे अधिक गोल करने वाला एशियाई खिलाड़ी बन गए हैं। पुरुषों के अंतरराष्ट्रीय मैच में तीसरा सबसे बड़ा सक्रिय गोल करने वाला खिलाड़ी हैं।
अंतरराष्ट्रीय मैच में चौथा सर्वाधिक गोल करने वाला खिलाड़ी बन गए हैं। भारत के लिये 138 मैचों में 90 गोल कर चुके छेत्री सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले खिलाड़ियों की सूची में क्रिस्टियानो रोनाल्डो (123), अली देइ (109) और लियोनेल मेस्सी (103) के बाद चौथे स्थान पर हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच सैफ फुटबॉल चैम्पियनशिप के मैच के दौरान यहां वेस्ट ब्लॉक ब्लूज स्टैंड पर एक बड़े से बैनर पर लिखा था ,‘अमर है नंबर 11’। यह सुनील छेत्री के लिये दर्शकों की ओर से सम्मान की बानगी थी जिन्होंने भारतीय कप्तान के हर मूव की हौसलाअफजाई की।
श्री कांतीर्वा स्टेडियम पर भारत ने 4-0 से जीत दर्ज की जिसमें 11 नंबर की जर्सी वाले छेत्री की हैट्रिक शामिल थी। 38 बरस की उम्र में जब खिलाड़ी संन्यास के बारे में सोचने लगते हैं, तब भी छेत्री दर्शकों के लिये आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र है । उनके खेल पर मानो उम्र का कोई असर ही नहीं है।
पिछले शनिवार को भारत ने फीफा रैंकिंग में अपने से बेहतर टीम लेबनान को 2 . 0 से हराकर इंटर कांटिनेंटल की जीता और उसमें भी पहला गोल छेत्री का था। भारी बारिश के बीच भी यहां स्टेडियम में दर्शक भारी संख्या में उमड़े थे और उन्हें जीत से कम कुछ गंवारा नहीं था।
भारत और पाकिस्तान के बीच खेल के मैदान पर बरसों से चली आ रही प्रतिद्वंद्विता हर मुकाबले को खास बनाती आई है और छेत्री अपनी ओर से इसे यादगार बनाना चाहते थे । छेत्री ने आईएसएल के एक वीडियो में कहा था ,‘‘ पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले जब भी हम खिलाड़ियों से मिलते तो काफी दोस्ताना बात होती है । मैं एक या दो बार पाकिस्तान गया तब भी काफी दोस्ताना माहौल था।
वे पंजाबी बोलते हैं और हम भी पंजाबी में बात करते थे। लेकिन सीटी बजने के बाद पता नहीं क्या हो जाता है।’’ उन्होंने कहा ,‘शायद हमारी और उनकी परवरिश ही ऐसे हुई है। हम उनसे कभी नहीं हारना चाहते और यही बात उनके बारे में भी कही जा सकती है।’’ पाकिस्तान के खिलाफ मैच के बाद छेत्री ने कहा था ,‘क्लीन शीट रखकर बहुत खुशी मिलती है।
यही हमारा पहला लक्ष्य था। अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में गोल करना आसान नहीं है। इसके बाद हर मैच में हमें और बेहतर प्रदर्शन करना होगा।’’ परफेक्शन पर छेत्री का फोकस कमाल का है । हर खिलाड़ी की तरह एक दिन उनके कैरियर का भी पटाक्षेप होगा लेकिन तब तक मैच दर मैच उनके शानदार प्रदर्शन पर तालियां पीटने के लिये तैयार रहिये।