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ऊंची कूद में दोहरे पदक से भारत ने पहली बार पैरालम्पिक में दस पदक जीते

By भाषा | Updated: August 31, 2021 20:11 IST

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तोक्यो पैरालम्पिक में लगातार शानदार प्रदर्शन के बीच सातवें दिन तीन पदक और जीतने के बाद इन खेलों के इतिहास में पहली बार भारत ने दोहरे अंक को छुआ जबकि ऊंची कूद में रजत और कांस्य दोनों पदक भारत की झोली में गिरे । भारत के अब 10 पदक हो गए हैं जिनमें दो स्वर्ण, पांच रजत और तीन कांस्य शामिल है । पैरालम्पिक खेलों में भारत का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है । निशानेबाज सिंहराज अडाना ने 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच 1 में कांस्य पदक के साथ दिन की शुरूआत की तो रियो पैरालम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलु ने पुरूषों की ऊंची कूद टी42 वर्ग में रजत और शरद कुमार ने कांस्य पदक जीता । मरियप्पन ने 1.86 मीटर के प्रयास के साथ रजत पदक अपने नाम किया जबकि अमेरिका के सैम ग्रेव ने अपने तीसरे प्रयास में 1.88 मीटर की कूद के साथ सोने का तमगा जीता।शरद ने 1.83 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। मरियप्पन ने पदक जीतने के बाद कहा ,‘‘ मैं विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीत सकता था । मैं उसी लक्ष्य के साथ यहां आया था लेकिन बारिश से सब गड़बड़ हो गई । शुरूआत में बूंदाबांदी हो रही थी लेकिन 1 . 80 मीटर मार्क के बाद तेज होने लगी । मेरे दूसरे पैर (दाहिना पैर) का मोजा गीला हो गया और कूदना मुश्किल हो गया था ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ रियो में मौसम अच्छा था और मैने स्वर्ण पदक जीता । अब मैं 2024 में पेरिस में स्वर्ण जीतने की कोशिश करूंगा ।’’स्पर्धा में हिस्सा ले रहे तीसरे भारतीय और रियो 2016 पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता वरूण सिंह भाटी नौ प्रतिभागियों में सातवें स्थान पर रहे। वह 1.77 मीटर की कूद लगाने में नाकाम रहे। कांस्य पदक विजेता कुमार ने कहा कि वह पैर की चोट के कारण स्पर्धा से नाम वापिस लेने की सोच रहे थे । उन्होंने कहा ,‘‘ कल मेरे घुटने में चोट लगी थी । मैने नाम वापिस लेने के बारे में सोचा । अपने परिवार से बात की लेकिन उन्होंने खेलने को कहा । उन्होंने कहा कि भागवत गीता पढो और कर्म पर ध्यान लगाओ । जो मेरे वश में नहीं है, उसके बारे में मत सोचो ।’’टी42 वर्ग में उन खिलाड़ियों को रखा जाता है जिनके पैर में समस्या है, पैर की लंबाई में अंतर है, मांसपेशियों की ताकत और पैर की मूवमेंट में समस्या है। इस वर्ग में खिलाड़ी खड़े होकर प्रतिस्पर्धा पेश करते हैं।इससे पहले निशानेबाज अडाना ने पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएफ1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। पोलियों से ग्रस्त होने वाले और पहली बार पैरालंपिक में भाग ले रहे 39 वर्षीय सिंहराज ने कुल 216.8 अंक बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने छठे स्थान पर रहकर आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनायी थी।क्वालीफिकेशन में 575 अंक के साथ शीर्ष पर रहने वाले मनीष नरवाल हालांकि फाइनल में सातवां स्थान ही हासिल कर पाये।भारत का यह वर्तमान खेलों में निशानेबाजी में दूसरा पदक है। सोमवार को अवनि लेखरा ने आर-2 महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। सिंहराज के इस पदक से भारत की तोक्यो पैरालंपिक में पदकों की संख्या आठ पहुंच गयी है।सिंहराज शीर्ष तीन में जगह बनाने के लिये शुरू से ही संघर्षरत थे। उनका 19वां शॉट सही नहीं लगा जिससे वह पिछड़ गये थे लेकिन उनका 20वां प्रयास अच्छा रहा जबकि इसमें चीन के झियालोंग लोउ 8.6 अंक ही बना पाये।चीन ने हालांकि फाइनल में दबदबा बनाये रखा। मौजूदा चैंपियन चाओ यांग (237.9 पैरालंपिक रिकार्ड) ने स्वर्ण और हुआंग झिंग (237.5) ने रजत पदक जीता। सिंहराज 9.1 के स्कोर से चौथे स्थान पर खिसक गये थे लेकिन चीनी निशानेाबाज के खराब प्रदर्शन से वह फिर से तीसरे स्थान पर आ गये। इस स्पर्धा में भाग लेने वाले एक अन्य भारतीय निशानेबाज दीपेंदर सिंह फाइनल्स में जगह नहीं बना पाये और कुल 10वें स्थान पर रहे। रूबिना फ्रांसिस महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 के फाइनल में सातवें स्थान पर रही।रूबिना ने असाका शूटिंग रेंज में फाइनल में 128.1 अंक बनाये। ईरान की सारेह जवानमार्दी ने 239.2 के विश्व रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। पिछला रिकार्ड (238.1) रूबिना के नाम पर था। रूबिना ने फाइनल्स में पहली सीरीज में 6.6 का निराशाजनक प्रदर्शन किया जिसके बाद उनके लिये वापसी करना मुश्किल हो गया था। वह पहले चरण के बाद हालांकि 93.1 अंक के साथ चौथे स्थान पर थी। भारतीय निशानेबाज ने वापसी की कोशिश की लेकिन शुरुआती गलती की भरपायी नहीं कर पायी और आठ महिलाओं के फाइनल से बाहर होने वाली दूसरी निशानेबाज बनी। रूबिना ने क्वालीफिकेशन में 560 अंक बनाकर सातवें स्थान पर रहकर फाइनल्स में जगह बनायी थी। मध्यप्रदेश के जबलपुर की रहने वाली 22 वर्षीय रूबिना ने जून में पेरू के लीमा में विश्व कप में फाइनल्स में विश्व रिकार्ड बनाया था। वहीं भारतीय महिला टेबल टेनिस टीम क्लास 4-5 के क्वार्टर फाइनल में चीन से 0-2 से हार गयी।भारतीय टीम में भाविनाबेन पटेल भी शामिल थी जिन्होंने एकल वर्ग में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा था। उन्हें प्रतियोगिता में तीसरी बार यिंग झोउ से 0-3 (4-11, 7-11, 6-11) से हार का सामना करना पड़ा। इस चीनी खिलाड़ी ने उन्हें एकल के ग्रुप चरण और फिर फाइनल में भी हराया था। इसके बाद युगल मुकाबला हुआ जिसमें सोनल पटेल और भाविनाबेन चीन की यिंग और झांग बियान के सामने नहीं टिक पायी। भारतीय जोड़ी ने यह मुकाबला केवल 13 मिनट में 2-11, 4-11, 2-11 से गंवाया। भारत के राकेश कुमार तीरंदाजी प्रतियोगिता के पुरुष व्यक्तिगत कंपाउंड के क्वार्टर फाइनल में यहां चीन के अल झिनलियांग से एक करीबी मुकाबले में 143-145 से हारकर बाहर हो गये।

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