कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: बॉक्सिंग से कितने मिलेंगे मेडल और मैरी कॉम समेत किन पर होंगी निगाहें, जानिए
By विनीत कुमार | Published: March 25, 2018 09:15 AM2018-03-25T09:15:21+5:302018-03-25T09:15:21+5:30
दिल्ली में 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले मनोज कुमार गोल्ड कोस्ट में 69 किलोग्राम में अपनी दावेदारी पेश करेंगे।
कॉमनवेल्स गेम्स की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 4 अप्रैल से शुरू हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारत ने 225 सदस्यों का दल भेजने का फैसला किया है। यह भारतीय दल बॉक्सिंग से लेकर बैडमिंटन, निशानेबाजी, वेटलिफ्टिंग, बास्केटबॉल और हॉकी सहित कई खेलों में मेडल की दावेदारी पेश करेगा।
राष्ट्रमंडल खेलों में बॉक्सिंग और भारत का प्रदर्शन: राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में मुक्केबाजी उन सबसे पुराने खेलों में शामिल है जो शुरू से इस इवेंट में शामिल रहा है। 1903 में हुए पहले राष्ट्रमंडल खेलों से अब तक पुरुष मुक्केबाजी इन खेलों का हिस्सा रहा है। हालांकि, महिला मुक्केबाजी जरूर पहली बार 2014 में ग्लासगो में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया। (और पढ़ें- रिद्धिमान साहा ने 20 गेंदों में जड़ा तूफानी शतक, एक ओवर में जड़े 6 छक्के)
मुक्केबाजी में भारत की बात करें तो भारत ने अब तक कुल 28 मेडल जीते हैं। इसमें 5 गोल्ड, 9 सिल्वर और 14 ब्रॉन्ज हैं। पिछली बार 2014 में ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय बॉक्सरों ने 4 सिल्वर और एक ब्रॉन्ज जीता था। भारत के लिए सबसे साल 2010 का रहा था। दिल्ली में तब हुए इन खेलों में भारत ने 3 गोल्ड समेत 7 मेडल जीते थे।
बहरहाल, आईए आज हम नजर डालते हैं भारत के मौजूदा पुरुष और महिला बॉक्सिंग दल पर जिनमें कई ऐसे बड़े नाम हैं जिनसे पदकों की उम्मीद की जा सकती है।
महिला बॉक्सिंग में मैरी कॉम सहित सरिता देवी से होंगी उम्मीद
मैरी कॉम: लंदन ओलंपिक (2012) में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वालीं और पांच बार की वर्ल्ड चैम्पियन मैरी कॉम 35 साल की उम्र में पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने जा रही हैं। मैरी कॉम के पास लंबा अनुभव हैं और ओलंपिक मेडल और विश्व चैम्पियन सहित वह पांच बार एशियन चैम्पियन सहित एशियन गेम्स में दो मेडल जीत चुकी हैं। ऐसे में उनके खाते में कॉमनवेल्थ मेडल की अब भी कमी है और इस बार वे इस सूखे को जरूर खत्म करना चाहेंगी। मैरी यहां अगर गोल्ड जीतती हैं तो वह टोक्यो ओलंपिक (2020) के लिए भी क्वॉलीफाई कर जाएंगे। मैरी कॉम के लिए सबसे अच्छी बात ये है कि वह अपने पसंदीदा 45-48 किलोग्राम भारवर्ग में खेलती नजर आएंगी। (और पढ़ें- IPL 2018: ओपनिंग सेरेमनी में रणवीर सिंह और परिणीति चोपड़ा समेत इन बॉलीवुड स्टार्स का दिखेगा जलवा)
लैशराम सरिता देवी: इसके अलावा सरिता देवी (60 किलोग्राम) और पिंकी रानी (51किलोग्राम) से भी मेडल की उम्मीद है। 2014 में ग्लासगो में सरिता को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा था जबकि पिंकी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
A 12-member Indian boxing team for the @thecgf 2018 in @GC2018 was announced yesterday. Take a look. #PunchMeinHainDumpic.twitter.com/fLvVrq6In8
— Boxing Federation (@BFI_official) March 7, 2018
पुरुष वर्ग में मनोज और विकास कृष्णन यादव बनेंगे बादशाह?
दिल्ली में 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले मनोज कुमार गोल्ड कोस्ट में 69 किलोग्राम में अपनी दावेदारी पेश करेंगे। हालांकि, उनके लिए ग्लासगो का सफर निराशाजनक रहा था। उन्हें तब 64 किलोग्राम वर्ग में क्वॉर्टरफाइनल में हार कर बाहर होना पड़ा था। मनोज ने हाल में दिल्ली में हुए इंडिया ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। दूसरी ओर विकास कृष्णन यादव 75 किलोग्राम में भारत की दावेदारी पेश कर रहे हैं। उन्हें 2014 में दक्षिण कोरिया के इंचियोन में हुए एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा था। (और पढ़ें- ISSF जूनियर शूटिंग वर्ल्ड कप: मनु भाकर ने जीता गोल्ड, गौरव राणा को सिल्वर मेडल)
भारत की पुरुष टीम (बॉक्सिंग)- अमित (49 किलोग्राम), गौरव सोलंकी (52 किग्रा.), मनीष कौशिक (60 किग्रा.), मनोज कुमार (69 किग्रा), मोहम्मद हुसैम (56 किग्रा), सतीश कुमार (+91किग्रा), नमन तनवर (91 किग्रा), विकाश कृष्णन (75 किग्रा)
महिला टीम (बॉक्सिंग)- मैरी कॉम (48 किग्रा), सरिता देवी (60 किग्रा), लोवलिना बोरगोहैन (69 किग्रा), पिंकी रानी (51 किग्रा)