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#KuchhPositiveKarteHain:एक ऐसी वीरांगना जिनमें मुहम्मद गोरी की उड़ाए थे छक्के, किया था उसके साथ कुछ ऐसा काम

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: August 10, 2018 10:56 AM

कई वीर पुरुषों की गाथा हम सब जानते हैं कि लेकिन फिर उन वीरों से हम आज भी अवगत नहीं हैं।

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कई वीर पुरुषों की गाथा हम सब जानते हैं कि लेकिन फिर उन वीरों से हम आज भी अवगत नहीं हैं। जिन्होंने इतिहास के पन्नों पर अपने साहस और बलिदान को छोड़ा है। इसी श्रेणी में एक नाम गुजरात की वीरांगना नायकी देवी कंदब है। नायकी देवी कंदब (आज के गोवा) के महामंडलेश्वर पर्मांडी की पुत्री थी। इनका विवाह गुजरात के महाराजा अजयपाल से हुआ था। अंगरक्षक द्वारा वर्ष 1176 में अजयपाल की हत्या के बाद राज्य की बागडोर महारानी नायकी देवी के हाथ में आ गई थी, क्योंकि तब उनके पुत्र मूलराज बाल्य अवस्था में थे। ये वो वीरांगना थी जिसने मुहम्मद गोरी को धूल चटवा दी थी। आज हम इसी वीरांगना की वीरगाथा की बात करते हैं।

गौरी ने किया हमला

मुहम्मद गोरी ने गुजरात की रानी नायिकी देवी की खूबसूरती के बारे में काफी कुछ सुन रखा था। पति की मौत के बाद वह अपने नवजात शिशु भीमदेव सोलंकी को साथ लेकर गुजरात की राजपाठ चलाती थीं। इतना सब सुनने के बाद नरपिशाच मुहम्मद गोरी खुद को रोक नहीं पाया बड़े पैमाने में जिहादी लूटेरो की सेना के साथ अन्हील्वारा गुजरात की राजधानी की और निकल पड़ा । गोरी राज्य के साथ साथ नायिकी देवी को भी पाना चाहता था। वहीं, गोरी के आक्रमण की पूर्व सूचना के आधार पर नायाकि देवी की सेना ने गुजरात की राजधानी पाटण से दूर आबू पर्वत की तलहटी में कयादरा के निकट पहुँच कर घोरी से युद्ध किया। इस युद्ध में गोरी बुरी तरह से घायल हुआ और उसे प्राण बचा कर भागना पड़ा। कहते हैं नायिकी देवी के पराक्रन के आग पस्त होने के बाद गोरी ने कभी गुजरात की ओर मुड़ कर नहीं देखा।

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बनाई थी ये रणनीति

रानी नायिकी देवी को बहुत अच्छे से पता था कि उनका मुकाबला किस दरिन्दे से होने वाला हैं उनके पास जितने भी सेना बल थे सबको इकत्रित कर के गुजरात की सीमा की और बड़ी और रानी नायिकी देवी ने रणनीति के तेहत अपनी सेनाओ को तैयार किया गुजरात सीमा के अन्दर आने से रोकना हैं। साथ ही उन्होंने महिलाओं और  लड़कियो को अपनी आवरू बचाने के लिए प्राण त्यागने की बात कही थी।

नायिका देवी ने किया था ये काम

कहते हैं कि गोरी महिलाओं के साथ का संबंध रखता था इसलिए वह नपुंसक हो गया था। वहीं, कुछ इतिहासकार मानते हैं कि जब गोरी ने नायिका देवी के राज्य में हमला किया था तो वीरांगना ने युद्ध के दौरान अपनी तलवार  से उसको नपुंसक बना दिया था। हांलाकि युद्ध में गोरी को हार मिली थी ऐसे में इतिहासकार ऐसा भी मानते हैं।

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