लाइव न्यूज़ :

शरद पवार का बीजेपी और फड़नवीस पर हमला, लगाया भाजपा पर 'दमनकारी शासन' चलाने का आरोप

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 2, 2019 12:39 IST

Sharad Pawar: राकांपा प्रमुख शरद पवार ने 2014 चुनावी हलफनामें मामले में देवेंद्र फड़नवीस के खिलाफ केस चलाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद साधा बीजेपी और फड़नवीस पर निशाना

Open in App
ठळक मुद्देशरद पवार ने बीजेपी पर लगाया दमनकारी शासन चलाने का आरोपशरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फड़नवीस पर भी साधा निशाना

मुंबई। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को यहां भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई गलती नहीं करने के बावजूद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक मामले में उन्हें नामजद कर दिया गया, जबकि चुनावी हलफनामे से जुड़े 'अपराध' के लिए उच्चतम न्यायालय को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश देना पड़ा।

उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा ''दमनकारी शासन'' नहीं चला रही है. वर्ष 2014 के चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं देने के मामले में फडनवीस को बंबई उच्च न्यायालय से मिली ''क्लीन चिट'' को शीर्ष न्यायालय द्वारा रद्द किए जाने के बाद पवार ने यह टिप्पणी की। 

महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) में हुए एक कथित घोटाले के सिलसिले में ईडी के एक मामले में पिछले महीने पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार, उनके भतीजे अजित पवार और 70 अन्य को नामजद किया गया था। 

इस बीच, फड़नवीस को मंगलवार को उस समय झटका लगा जब उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं देने के कारण उन्हें मुकदमे का सामना करना होगा।

पवार ने ट्वीट किया,''मुख्यमंत्री ने अपने खिलाफ लंबित मामलों का ब्यौरा नहीं दिया। उच्चतम न्यायालय को मुकदमा चलाने का आदेश देना पड़ा। जिसने अपराध किया है उसके खिलाफ मुकदमा चलाने का उच्चतम न्यायालय को आदेश देना पड़ा, जबकि अपराधी नहीं होने के बावजूद मुझे नामजद (ईडी के मामले में) कर दिया गया। क्या यह दमनकारी शासन नहीं है?''

पवार ने भाजपा नीत सरकार पर दबाव बनाने की तरकीब का सहारा लेने का आरोप लगाया और कहा कि ईडी ने कथित घोटाले के सिलसिले में उन्हें नामजद किया, जबकि वह बैंक के न तो निदेशक थे, न ही इसके संचालन मंडल के सदस्य थे। मैं इससे (प्राथमिकी से) नहीं डरता...हमें दबाव बनाने की इस तरह की तरकीब का इस्तेमाल खत्म करना होगा।

इस बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने मंगलवार को कहा कि यह कहना पूरी तरह से गलत है कि शीर्ष न्यायालय ने 2014 के चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों का ब्यौरा कथित तौर पर छिपाने को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दी है. सीएमओ ने एक बयान में कहा कि न्यायालय के फैसले का फडणवीस के जन प्रतिनिधि बने रहने या अगला चुनाव लड़ने पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

टॅग्स :शरद पवारमहाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)असेंबली इलेक्शन २०१९विधानसभा चुनावAssembly Elections
Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव 2025ः 246 नगरपालिका परिषद और 42 नगर पंचायत पर 2 दिसंबर को मतदान, 3 दिसंबर को मतगणना, 1.07 करोड़ मतदाता और 13,355 मतदान केंद्र

भारतमहाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव 2025ः शरद और राहुल को छोड़ राज ठाकरे आवास ‘शिवतीर्थ’ पहुंचे उद्धव, बीएमसी, पुणे और नासिक में गठजोड़ कर लड़ेंगे

भारतमहाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावः मनसे के साथ गठबंधन नहीं, सांसद गायकवाड़ और कांग्रेस प्रमुख सपकाल में मतभेद, आखिर कहां फंसा पेंच?

भारतनगर पालिका परिषद चुनावः एकनाथ शिंदे- शरद पवार में गठजोड़, नासिक के येओला में साथ मिलकर भाजपा को हराएंगे?

भारतबृहन्मुंबई नगर निगम चुनावः सभी 227 सीट पर अकेले लड़ने की तैयारी?, शरद पवार और उद्धव ठाकरे को गुडबाय?, कांग्रेस नेता वर्षा गायकवाड़ की घोषणा

महाराष्ट्र अधिक खबरें

महाराष्ट्रMaharashtra Heavy Rain: महाराष्ट्र में बारिश का कहर, 24 घंटों में 3 लोगों की मौत, 120 से अधिक व्यक्तियों को निकाला गया

महाराष्ट्रसमृद्धि महामार्ग पर सुरक्षा और सुविधा का सवाल!

महाराष्ट्रMumbai: लोकल ट्रेन से सफर कर रहे 4 यात्रियों की मौत, भीड़ से भरी ट्रेन से गिरे लोग; दर्दनाक वीडियो वायरल

महाराष्ट्रदिशा सालियान की मौत पर पिता का खुलासा, रेप और हत्या का किया दावा; आदित्य ठाकरे के खिलाफ एफआईआर की मांग

महाराष्ट्रMaharashtra New CM Updates: सीएम शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां शुरू! विधायक दल के साथ बीजेपी की आज बैठक..., जानें अपडेट