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पीएम मोदी ने IPS प्रोबेशनरों को दिया 'मंत्र', कहा- तनाव के लिए करें योग और प्राणायाम 

By रामदीप मिश्रा | Updated: September 4, 2020 12:15 IST

पीएम ने कहा कि अगर हम साइंटिफिक तरीके से अपने व्यक्तित्व को, अपनी क्षमताओं और अपनी जिम्मेदारियों को संतुलित तरीके से व्यवस्थित करें तो इसे आसानी से मैनेज कर सकते हैं। 

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ठळक मुद्देमोदी ने आईपीएस प्रोबेशनरों के दीक्षांत परेड समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वह तनावपूर्ण जीवन जीने वालों से हमेशा आग्रह करते हैं कि योग, प्राणायाम करें। 

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (4 सितंबर) को हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के आईपीएस प्रोबेशनरों के दीक्षांत परेड समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह तनावपूर्ण जीवन जीने वालों से हमेशा आग्रह करते हैं कि योग, प्राणायाम करें। 

उन्होंने कहा कि आपने अनुभव किया होगा कि अगर मन से योग करते हैं तो ये काफी लाभ देता है। काम कितना भी होगा लेकिन आप हमेशा प्रसन्न होंगे। आज की जिंदगी में सभी कामों में हर किसी को तनाव रहता है। ये जीवन का हिस्सा है लेकिन ये ऐसी चीज़ नहीं, जिसे मैनेज न किया जा सके।

पीएम ने कहा कि अगर हम साइंटिफिक तरीके से अपने व्यक्तित्व को, अपनी क्षमताओं और अपनी जिम्मेदारियों को संतुलित तरीके से व्यवस्थित करें तो इसे आसानी से मैनेज कर सकते हैं। 

उन्होंने कहा, 'मैं सभी नए पुलिस अधिकारियों से कहना चाहूंगा कि आप अपनी सेवा के शुरू के दिनों में ही जितना ज्यादा सचेत रह सकें, उतना रहिएगा। आपको चाहे शुरू में कष्ट सहने पड़े, लेकिन अपने कान से, अपनी आंख से और अपने दिमाग से चीजों को समझने का प्रयास कीजिएगा।'

नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप तय कीजिए कि आपके आस पास के थाने सामाजिक विश्वास का केंद्र कैसे बने, इसके लिए प्रयास करें। आप तय करें कि व्यवस्था को, वातावरण को आप बदलेंगे। क्या कभी हमने अपने थाने के कल्चर पर बल दिया है? हमारा थाना सामाजिक विश्वास का केंद्र कैसे बनें? आपके अंडर में जितने भी थाने आएं वहां बदलाव लाने की एक लिस्ट तैयार करें, व्यक्ति को बदल पाऊं या न पाऊं लेकिन व्यवस्था को और एनवायरनमेंट को बदल सकता हूं, ये आपकी प्रथमिकता रहनी चाहिए।

पीएम ने कहा कि सामान्य मानवी पर आपने प्रभाव पैदा करना है या प्रेम का सेतु जोड़ना है। ये आप तय कर लीजिए। प्रभाव पैदा करेंगे तो उसकी उम्र बहुत कम होती है। प्रेम का सेतु बनाएंगे तो आपके रिटायरमेंट के बाद भी आपको लोग याद करेंगे। लोकतंत्र में दल कोई भी हो, जन प्रतिनिधि का एक बड़ा महत्व होता है। जन प्रतिनिधि का सम्मान मतलब लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान।  

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