नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में भारी बारिश और हथिनिकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी चेतावनी स्तर को पार कर गयी है। दोपहर दो बजे पुराने रेलवे ब्रिज पर नदी का जलस्तर 204.88 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी का खतरे का स्तर 205.33 मीटर है। दोपहर 2 बजे हथिनीकुंड बैराज से 2,13,679 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
इससे पहले भी हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बराज से यमुना नदी में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया था। राष्ट्रीय राजधानी में लगातार तीसरे दिन भी भारी बारिश होने के कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। बता दें कि उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है।
दिल्ली में बाढ़ के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मूसलाधार बारिश और यमुना के बढ़ते स्तर के कारण शहर में जलभराव की स्थिति पर चर्चा करने के लिए सोमवार को एक बैठक बुलाई। बैठक के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा कि हालात भयावह होने के आसार नहीं हैं लेकिन सरकार की तैयारी पूरी है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "सीडब्ल्यूसी के मुताबिक दिल्ली में यमुना नदी 203.58 मीटर पर बह रही है। कल सुबह इसके 205.5 मीटर तक पहुंचने की आशंका है। साथ ही, मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक, यमुना में जल स्तर बहुत अधिक बढ़ने की उम्मीद नहीं है। अगर यमुना 206 मीटर के निशान को पार करती है, तो हम नदी के किनारे निकासी शुरू कर देंगे।"
शिक्षा मंत्री आतिशी ने भी नाव पर बैठकर यमुना के बढ़ते जलस्तर का जायजा भी लिया। हालात का जायजा लेने के बाद आतिशी ने कहा, "ऐसा लग रहा है कि हरियाणा से छोड़ा गया पानी कल सुबह तक दिल्ली पहुँच जाएगा और यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर जायेगा। बारिश जारी रहने की स्थिति में हम पानी के प्रवाह पर नजर रख रहे हैं। जो लोग पानी के बहुत करीब रहते हैं, उनको निकालने का काम शुरू हो गया है। अलग-अलग क्षेत्रों में नावों की व्यवस्था कर दी गई है। जिनको निकाला जाएगा नके रहने का इंतजाम कर दिया गया है।"
बता दें कि पूरे उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है। हिमाचल प्रदेश समेत पहाड़ी राज्यों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। बीते 24 घंटे के दौरान मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन, बादल फटने, घर ध्वस्त होने, पेड़ और बिजली गिरने से 34 लोगों की मौत हो गई है।