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विश्व विश्व की पहली वैदिक घड़ी, जिसके समय बताने का तरीका है अदभुत, जानिए विशेषताएं

By अनुराग.श्रीवास्तव@लोकमत.इन | Published: February 29, 2024 11:32 AM

काल गणना के केंद्र उज्जैन से अब दुनिया सही मुहूर्त को समझ सकेगी। 30 घंटे में दिन और रात दर्शाने वाली इस काल गणना घड़ी से देखे जाएंगे। पीएम मोदी आज एमपी में 17 हजार करोड़ की विकास परियोजनाओ की सौगात देने जा रहे है. इसके साथ ही वैदिक घड़ी का लोकार्पण करेंगे।

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ठळक मुद्देउज्जैन में दुनियां की पहली वैदिक घड़ी का लोकार्पण आजपीएम मोदी आज शाम करेंगे लोकार्पण,घड़ी के समय बताने का है सटीक तरीका

पीएम मोदी आज करेंगे वैदिक घड़ी का लोकार्पण

दुनिया की पहली वैदिक घड़ी का लोकार्पण मध्य प्रदेश के उज्जैन में हो रहा है।  12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में दुनिया की पहली वैदिक घड़ी लगाई गई है जो अपने आप में अद्भुत है। इस घड़ी में 30 घंटे में दिन और रात दर्शाने वाली काल गणना दिखाई देगी। साथ ही घड़ी से अब मुहूर्त भी देखे जाएंगे। इस घड़ी का लोकार्पण आज होने वाला है। यह अपने आप में अनूठी दुनिया की पहली वैदिक खड़ी है। दरअसल महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन काल गणना का बड़ा केंद्र रहा है। यही से कर्क रेखा होकर गुजरी है और मंगल ग्रह का जन्म भी उज्जैन में माना जाता है। विक्रम संवत की शुरुआत पूरी दुनिया में यहीं से हुई है। विक्रम संवत के नाम से कैलेंडर और मुहूर्त उज्जैन से ही संचालित होते हैं और अब दुनिया की पहली ऐसी वैदिक घड़ी यहां 80 फीट ऊंचे टावर पर लगाई गई है। जिससे मुहूर्त देख जाएंगे।

 घड़ी की विशेषता

 यह एक सूर्य उदय से दूसरे सूर्य उदय के बीच 30 घंटे का समय दिखाएगी।

 भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के मुताबिक 60 मिनट नहीं बल्कि 48 मिनट का 1 घंटा है ।

 वैदिक समय के साथ अलग-अलग मुहूर्त भी दिखाई देंगे।

 एक मुहूर्त अंग्रेजी समय के 48 मिनट के समान है। इस तरह से एक दिन को 30 मुहूर्त में बांटा गया है।

  हर मुहूर्त में 30 काल होते हैं। एक काल 96 सेकंड के बराबर है।

 ये एस्ट्रोलॉजी को समझने के लिए काम आता है।

 एक काष्टा यानी 3200 मिली सेकंड होता है। ये सेकंड से ज्यादा सटीक माना जाता है।

घड़ी को पुराने काल गणना के आधार पर डिजाइन किया गया है।

 खास यह भी है की वैदिक गणित वाली घड़ी मोबाइल ऐप से भी ऑपरेट हो सकेगी।

 80 फीट ऊंचे वॉच टावर पर लगाने के लिए करीब डेढ़ सौ फीट ऊंची क्रेन के जरिए से घड़ी को स्थापित किया गया है। 

 वैदिक घड़ी के एप्लीकेशन में विक्रम पंचांग भी शामिल होगा जो सूर्योदय से सूर्यास्त की जानकारी के साथ ग्रह योग, चंद्र स्थिति,नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण की जानकारी देगा। 

टॅग्स :भारतMadhya Pradeshउज्जैनमोहन यादव
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