Divya Tyagi Republic Day 2024 Parade Live: ‘बॉम्बे सैपर्स' (बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप और सेंटर) की पुरुष टुकड़ी का नेतृत्व मेजर दिव्या त्यागी ने किया। 300 साल के इतिहास में पहली बार एक महिला अधिकारी दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में रेजिमेंट के सभी पुरुष दल का नेतृत्व किया। 31 वर्षीय मेजर दिव्या त्यागी के लिए बड़ी उपलब्धि है। आठ साल पहले कोर ऑफ इंजीनियर्स की 115 इंजीनियर रेजिमेंट में नियुक्त किया गया था। एक अनोखी उपलब्धि है। उस दल का नेतृत्व किया, जिसमें एक अधिकारी, दो जूनियर कमीशंड अधिकारी और 144 अन्य शामिल हैं। पिछले छह महीनों से परेड के लिए लगातार कठिन अभ्यास कर रहे हैं। मेजर त्यागी गणतंत्र दिवस परेड में आकस्मिक कमांडर के रूप में बॉम्बे सैपर्स की सभी पुरुष टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी हैं।
त्यागी 115वीं इंजीनियर रेजिमेंट की अधिकारी हैं। सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक मेजर त्यागी वर्तमान में पुणे जिले के खड़की में ‘बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप एंड सेंटर’ में तैनात हैं। चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से अकादमी कैडेट एडजुटेंट के रूप में उत्तीर्ण हुईं त्यागी सितंबर 2016 में बॉम्बे सैपर बनीं।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार द्वारा जारी एक सूचना पत्र में कहा गया, ‘‘बॉम्बे सैपर्स की उत्पत्ति 1777 में हुई थी जब बॉम्बे प्रेसीडेंसी के तहत पायनियर लस्कर्स की स्थापना की गई थी। बहरहाल, बॉम्बे सैपर्स की स्थापना की तारीख 1820 मानी जाती है, जब इंजीनियर लस्कर्स का बॉम्बे आर्मी के तहत ‘सैपर्स एंड माइनर्स’ नाम से एक कंपनी के रूप में गठन किया गया।’’
इसमें कहा गया, ‘‘बहादुर ‘बॉम्बे सैपर्स’ को पिछले 204 वर्षों में आजादी से पहले 34 बैटल ऑनर और 25 थिएटर ऑनर से सम्मानित किया गया है तथा आजादी के बाद तीन बैटल ऑनर और छह थिएटर ऑनर के अलावा 10 सीओएएस यूनिट प्रशस्ति पत्र, दो सीओएएस प्रशंसा प्रमाणपत्र और एक जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ प्रशंसा प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है।’’
सरकार के अनुसार, बॉम्बे सैपर्स को विक्टोरिया क्रॉस, मेडेल मिलिटेयर, परम वीर चक्र और अशोक चक्र समेत आजादी से पहले और बाद के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है। मेजर त्यागी, जो सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक हैं और एक सेना अधिकारी से शादी की है। वर्तमान में पुणे जिले के खड़की में बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप एंड सेंटर में तैनात हैं।
वह ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई से अकादमी कैडेट एडजुटेंट के रूप में उत्तीर्ण हुईं और सितंबर 2016 में बॉम्बे सैपर बन गईं। बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप या बॉम्बे सैपर्स, जैसा कि वे अनौपचारिक रूप से जाने जाते हैं, भारतीय सेना के कोर ऑफ़ इंजीनियर्स की एक रेजिमेंट है। बॉम्बे सैपर्स की उत्पत्ति ब्रिटिश राज की तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी सेना से हुई है। समूह का केंद्र खड़की में है।